SCBA ने नवनियुक्त CJI का किया अभिनंदन, कार्यक्रम में डीवाई चंद्रचूड़ बोले- हमें न्यायपालिका को बदलना और सही करना होगा

Supreme Court: मालू‍म हो कि 9 नवंबर 2022 को न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।

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CJI: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से सोमवार को देश के नवनियुक्‍त सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के सम्‍मान में स्‍वागत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के सी ब्‍लॉक एडिशनल बिल्डिंग कॉम्‍पलेक्‍स परिसर के सभागार में किया गया। मालू‍म हो कि 9 नवंबर 2022 को न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।

9 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस चंद्रचूड़ को मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई। DY Chandrachud भारत के इतिहास में पहले ऐसे मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं जिनके पिता भी भारत के मुख्य न्यायधीश रह चुके हैं। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने लगातार 7 वर्ष (1978-1985) से भी अधिक समय तक इस पद को संभाला था, जो अभी तक एक रिकॉर्ड है। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से जुड़े सदस्‍य एवं अन्‍य गणमान्‍य लोग भी उपस्थित रहे।

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समारोह को संबोधित करते एसीबीए के उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार राय

अपने पिता से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सीखी कानून की खास जानकारियां- प्रदीप राय

एससीबीए के उपाध्यक्ष प्रदीप राय ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के लिए स्वागत भाषण दिया। मौके पर उन्होंने कहा कि डीवाई चंद्रचूड़ 39 के उम्र में वरिष्ठ वकील बन गए थे। डीवाई चंद्रचूड़ विदेश से पढ़ाई करने के बाद भारत में आकर अधिवक्ता की प्रेक्टिस करने लगे। उन्होंने कहा कि डीवाई चंद्रचूड़ अपने पिता के साथ दोस्त की तरह रहते थे और उनसे बहुत कुछ इन्होंने सीखा। खासकर कानून से संबंधित जानकारी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का फेवरेट क्रिकेटर विराट कोहली है। सीनियर एडवोकेट प्रदीप राय ने कहा, “यह मेरा तीसरा कार्यकाल है। मैंने अपने इस तीन बार के कार्यकाल में आपके सहयोग को देखा है। चेंबर और स्वास्थ्य की समस्या को लेकर आपका व्यवहार सकारात्मक है।”

समारोह में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और उपस्थित अधिवक्तागण।
समारोह में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और उपस्थित अधिवक्तागण।

मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के एजुकेशन के सफर को याद किया। उन्होंने कहा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी शिक्षा कोलंबस स्कूल से की। उसके बाद इन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की, जहां पर इन्होंने हिन्दी को सबसिडरी के रूप में लिया। ग्रेजुएशन के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अंग्रेजी में एम करने की सोची। इसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कानून की क्लास में पढ़ने जाने लगे। उन्हे लॉ की पढ़ाई अच्छी लगी और उन्होंने तब तय किया कि उन्हें अब लॉ करना चाहिए। उसके बाद वे हार्वर्ड पढ़ने गए। उसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वापस भारत आए।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के साथ सौ प्रतिशत है बार- प्रदीप राय

एससीबीए उपाध्यक्ष प्रदीप राय ने कहा कि बार CJI के साथ सौ प्रतिशत है। बार आपसे बस एक उम्मीद करता है ”बस मेरी आवाज में अपनी आवाज मिला दे, फिर देख इस शहर में क्या नहीं हो सकता”। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने कहा कि हम पूर्व के सीजेआई को भी याद करते हैं, जिन्होंने बार के लिए बहुत कुछ किया। उन्होंने कहा कि हमेशा से सीजेआई का सपोर्ट मिलते रहा है। उन्होंने कहा कि डीवाई चंद्रचूड़ एक ऐसे इंसान हैं, जिन्होंने दो लड़कियों को एडॉप्ट भी किया है, इनमें इंसानियत है।

मैंने बार और बेंच से बहुत कुछ सीखा है-सीजेआई

समारोह को संबोधित करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने समारोह के लिए बार काउंसिल को धन्यवाद किया। उन्होंने विदेशों में अपनी शिक्षा और लॉ में शुरुआती सफर को याद किया। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि आज जो भी हूं वो बार, कोर्ट और बहस में जो कुछ भी सीखा, उसके कारण ही हूं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि प्रवीन पारिक ने जब मेरा पहला ब्रीफ लैंड एक्यूजेशन मामले के लिए दिया। तब मेरे पास न लैंड एक्यूजेशन मामले में बहस करने का कोई आइडिया था और न ही कोई क्लू की जानकारी थी। जस्टिस एमपी ठक्कर ने मैटर पर अगले दिन चर्चा के लिए बुलाया। उस दौरान मुझसे उन्होंने कहा कि रात में तुम सोना मत, बल्कि मैटर पर अच्छे से तैयारी करके बहस के लिए कल आना। सीजेआई ने कहा कि वह केस काफी जाना गया। उसका नतीजा यह हुआ कि उसके बाद मुझे कई मैटर पर काम करने का मौका मिला। सीजेआई ने कहा कि मैंने बार और बेंच से बहुत कुछ सीखा है।

जजों की बातों पर करें फोकस- सीजेआई

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में कहा कि एक बार मैं फरी नरीमन को तीन मुख्यमंत्रियों के ऊपर लगे एक आरोप को लेकर ब्रीफ कर रहा था। वह काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि वह संवैधानिक बेंच से भी रेफर किया गया था। तो जब जज मामले को लेकर आपस में अपने विचार को शेयर कर रहे थे और बहस कर रहे थे तो मैं इस बीच में सीनियर से पूछ दिया कि अब अगला कदम अथॉरिटी का क्या होने वाला है? तब नरीमन ने अपना हाथ उठाकर कहा चुप रहो, शांत रहो और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि जब मामले में जज बोलते हैं तो हमेशा शांत रहना चाहिए और देखना चाहिए कि वे क्या बाते कर रहे हैं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमेशा कोर्ट और जज की बातों पर फोकस करना चाहिए।

मैं बदलाव में करता हूं विश्वास- CJI डीवाई चंद्रचूड़

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में देश के जिला कोर्टों के हालात पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि हम अपने जिला कोर्ट की सच्चाई जानते हैं। हमारे पास कई जज हैं, जो जिला कोर्ट से आए हैं। उन्होंने वर्षों तक वहां कार्य किया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक वाकये को याद किया। उन्होंने कहा कि वहां पर एक समय में लाइट और टॉयलेट की व्यवस्था तक नहीं थी।

समारोह को संबोधित करते सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
समारोह को संबोधित करते सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के कोर्ट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक समय वहां पर एक महिला जज आईं। जज ने कहा कि क्या यहां महिला जज के लिए टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं है? सीजेआई ने कहा कि हमारी जिलास्तर की ज्युडिशियरी की ये कुछ हकीकत और वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि मैं बदलाव में विश्वास करता हूं। मैं विश्वास करता हूं कि सबसे पहले हमें अपने जिला कोर्ट और ज्युडिशियरी को बदलना और सही करना होगा।

हम एक साथ मिलकर करेंगे काम-सीजेआई

सीजेआई ने बार काउंसिल से वादा भी किया। उन्होंने कहा , “मैं आप सभी से वादा करता हूं कि हम एक साथ मिलकर काम करेंगे और मैं ऐसे ही आप सभी से सहयोग की उम्मीद भी करता हूं। हम एक-दूसरे को सुनेंगे, हम एक-दूसरे से बाते करेंगे। बार रूफ पर आना मेरे लिए इमोशनल मोमेंट है।”

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