Rakesh Kumar Death: हिंदी सिनेमा के मशहूर डायेक्टर राकेश कुमार के निधन से पूरा सिनेमा जगत सदमे में हैं। उन्होंने बिग बी अमिताभ बच्चन के करियर की शुरुआत में उनके साथ कई धमाकेदार फिल्में बनाई है। उन्होंने अमिताभ के साथ खून पसीना, याराना, मिस्टर नटवरलाल, दो और दो पांच, सूर्यवंशी जैसी आइकॉनिक फिल्में बनाई हैं। बताया जा रहा है कि फिल्ममेकर राकेश कुमार काफी लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थें। शनिवार को खबर आई कि उनका निधन हो चुका है और वह दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।
उनके निधन के कारण बॉलीवुड में शोक की लहर है। जहां कई एक्टर्स और फिल्म टेक्नीशियन सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते दिखे। वहीं, बॉलीवुड बिग बी अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में अपने एक बिछड़ चुके साथी को याद किया। उन्होंने काफी भावुक होकर ये पोस्ट लिखा। बिग बी ने लिखा कि एक के बाद एक उनके कई साथी संसार से विदा लेते जा रहे हैं।
Rakesh Kumar Death: राकेश कुमार को याद कर भावुक हुए अमिताभ
अमिताभ ने देर रात एक ब्लॉग में 12 का दिन खत्म होने से ठीक पहले पोस्ट लिख लेने की बात करते हुए लिखा कि उफ्फ…12 तारीख के लिए सही टाइम पर आ गया, 13 का थपेड़ा लगने से पहले…हालांकि ये होने वाला था…बस एक ही मिनट बाकी है, वरना दिन बुरा हो जाता, लेकिन दिन बुरा रहा…एक और साथी के जो आज हमें छोड़ गया, खास कर मुझे। बिग बी ने आगे बताया कि उनका राकेश कुमार के साथ रिश्ता फिल्म जंजीर (1973) के समय से रहा, जब वो डायरेक्टर प्रकाश मेहरा के असिस्टेंट डायरेक्टर थे और दोनों का ये रिश्ता इवेंट्स और साल दर साल होली सेलिब्रेट करने तक गर्मजोशी भरा बना रहा।
उन्होंने लिखा कि एक के बाद एक सब चले जा रहे हैं, लेकिन राकेश जैसे कुछ लोग अपना ऐसा निशान छोड़ जाते हैं जिसे हटाना या भुलाना मुश्किल होता है। उनका डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले का सेन्स, एक मोमेंट में ही कुछ लिखना और उसे क्रिएट कर देना और नट्टू और याराना के सेट्स पर मजेदार समय…अपनी वैल्यू में उनका पूरा विश्वास…और वो आसानी जिससे वो हमें बीच-बीच में शूट छोड़कर, रिलैक्स करने के लिए, मौज मस्ती करने के लिए और बेरोकटोक हंसी और खुशमिजाजी के लिए। एक बेहद मिलनसार और नरम दिल आदमी, जो अपने साथ काम कर रहे आर्टिस्ट की किसी भी मुश्किल के लिए तुरंत खड़ा होता था।
Rakesh Kumar Death: अंतिम प्रार्थना में नहीं शामिल होंगे अमिताभ
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में आगे कहा कि वो रविवार को राकेश कुमार की अंतिम प्रार्थना में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने इसके पीछे का कारण भी बताया। उन्होंने लिखा कि नहीं उनके अंतिम संस्कार में जाने में मुझे संकोच होगा…क्योंकि मैं एक जड़ राकेश को नहीं देख पाऊंगा। आपने स्टोरी और फिल्म के लिए अपने इनोवेटिव आईडिया से हम में से कईयों को बड़ा बनाया राकेश और आप हमेशा याद किए जाएंगे।
अपना ब्लॉग खत्म करते हुए अमिताभ ने लिखा कि जिंदगी कैसे दुखों के बावजूद आपको उठ खड़े होने के लिए कहती है। उन्होंने कहा ये उदास खबर कई और प्रिय लोगों तक भी पहुंची हैं, लेकिन जिंदगी हर घंटे चैलेंज करती है और आप फिर से खड़े होते हैं, घायल और टूटे हुए चोटों को भुलाकर फिर से चलते हैं, फिर थोड़ी गति बढ़ाते हैं और आखिरकार दौड़ने लगते हैं।
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