CNG: प्राकृतिक गैस के दाम इस सप्ताह में होने वाली समीक्षा के बाद रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना है।दरअसल ऊर्जा की कीमतों में हाल में आए उछाल को जोड़ने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन यानी ओएनजीसी के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर 6.1 डॉलर प्रति इकाई मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से बढ़कर 9 डॉलर प्रति इकाई पर पहुंच सकती है। जोकि रगुलेशन वाले क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए अभी तक का सबसे हाई लेवल है।
ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है, कि अब सीएजी के दामों में इजाफा हो सकता है।ऐसे में उपभोक्ताओं को गैस की महंगाई सताने वाली है।जानकारी के अनुसार प्राकृतिक गैस के दाम इस सप्ताह होने वाली समीक्षा के बाद रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच सकते हैं।
प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक और वाहनों के लिए सीएनजी उत्पादन में होता है। ऐसे में दरें बढ़ने का असर साफतौर पर सीएनजी की कीमतों पर देखने को मिलेगा। लिहाजा उसके दाम बढ़ जाएंगे।
CNG: ऊर्जा की बढ़ी कीमतों का असर
CNG: ऊर्जा की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी के बाद ओएनजीसी से उत्पादित होने वाली गैस के दामों में उछाल आने के संकेत मिले हैं।सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर 6.1 डॉलर प्रति इकाई मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से बढ़कर 9 डॉलर प्रति इकाई पर पहुंच सकती है। जोकि अभी तक का सबसे हाई लेवल है।ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है, कि अब सीएन के दामों में इजाफा हो सकता है।
CNG: कई जगहों पर होता है प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल
CNG: प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक और वाहनों के लिए सीएनजी उत्पादन में होता है। ऐसे में दरें बढ़ने का असर साफतौर पर सीएनजी की कीमतों पर देखने को मिलेगा।उसके दाम बढ़ जाएंगे।दरअसल देश में उत्पादित गैस का दाम सरकार तय करती है।
सरकार को गैस कीमतों में अगला संशोधन आगामी 1 अक्टूबर को करना है।गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल के बीच यह अप्रैल, 2019 से प्राकृतिक गैस की कीमतों में तीसरी वृद्धि होगी। सरकार प्रत्येक छह महीने (1 अप्रैल और 1 अक्टूबर) में गैस के दाम तय करती है।यह कीमत अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष वाले देशों की पिछले एक साल की दरों के आधार पर एक तिमाही के अंतराल के हिसाब से तय की जाती है।
ऐसे में एक अक्टूबर से 31 मार्च, 2023 तक के लिए गैस का दाम जुलाई, 2021 से जून, 2022 की कीमत के आधार पर तय किया जाएगा। उस समय गैस की कीमतें काफी उच्च स्तर पर थीं।
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