Supreme Court:दीपावली के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने याचिका दाखिल की है। उन्होंने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर कहा है कि जीने के अधिकार के तहत धर्म की स्वतंत्रता छीनी नहीं जा सकती।याचिका में दिल्ली सरकार को स्वीकार्य पटाखों की बिक्री, खरीद और पटाखे चलाने के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी करने के आदेश मांग की गई है।
इसके अलावा याचिका में सभी राज्यों को स्वीकार्य पटाखों की बिक्री या उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ FIR या कोई दंडात्मक कार्रवाई ना करने का निर्देश देने की भी मांग की है।दरअसल दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है। दिल्ली सरकार के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
Supreme Court: दिल्ली सरकार ने 7 सितंबर को पटाखों के इस्तेमाल बैन करने की थी घोषणा
मालूम हो कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 7 सितंबर को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी तक सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी लागू है।
उन्होंने ट्विटर पर कहा कि दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।
उन्होंने बताया कि इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री/डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक लागू रहेगा।प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।
बता दें कि पिछले साल दिल्ली सरकार ने 28 सितंबर से एक जनवरी 2022 तक दिल्ली में पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। पटाखों को जलाने के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए शहर सरकार ने ‘पटाखे नहीं दिए जलाओ’ अभियान भी शुरू किया था।
संबंधित खबरें