पटाखों को लेकर Supreme Court सख्त, केन्द्र और राज्य सरकारों पर जताई कड़ी नाराजगी

0
328
supreme court
supreme court

Diwali का त्‍योहार आने में अब कुछ ही दिन का समय बचा है और दीवाली (Diwali) में लोगों को जो चीज सबसे ज्यादा उत्साहित करती है तो वो है पटाखे फोड़ना। अब पटाखे को लेकर Supreme Court ने बहुत ही महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित पटाखे (Firecrackers) खुलेआम बेचे जाने पर केन्द्र और राज्य सरकारों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि आप दूसरों के अधिकार और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते।

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों से पूछा कि सामान्य पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियां बंद क्यों नहीं की जा रही है? हमारे देश में कानून लागू कराने वाली एजेंसियां क्‍या रही हैं? कोर्ट ने कहा कि एजेंसियां सब कुछ जानती हैं लेकिन कुछ करती नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि इस देश में कोर्ट के आदेश को लागू करने का क्या हाल है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों के बीच क्या संदेश जाता होगा जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू नहीं होता?

Green Crackers की मंजूरी तो हानिकारक पटाखे क्‍यों मौजूद

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम लोगों के अधिकारों कि रक्षा करने के लिए हैं। कोर्ट ने कहा कि Green Crackers की मंजूरी दी गई है लेकिन बाजार में हानिकारक रसायन वाले पटाखे भी मौजूद हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों को सख्ती के साथ आदेश का पालन कराना चाहिए, नागरिकों के जीवन मूल्यों से खिलवाड़ नहीं कर सकते।

न्यायालय ने पहले इस चीज पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी कि चेन्नई में CBI द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि तमिलनाडु में छह पटाखा निर्माता पटाखा बनाने के लिए बेरियम और बेरियम साल्‍ट का उपयोग कर रहे थे। रसायनों के उपयोग पर न्यायालय ने प्रतिबंध लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट पॉल्यूशन को लेकर चिंता जातता रहता है लेकिन अब सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिखाई दे रहा है कि प्रदूषण जांच केंद्र की गाड़ी सड़क पर चल रही है और उस गाड़ी से ही बहुत सारा धुआं निकल रहा है। इस वीडियो को कई लोगों ने शेयर किया है।

यह भी पढ़ें: Supreme Court: Pegasus जासूसी मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित, 8 हफ्तों में सौंपेगी अपनी रिपोर्ट

Supreme Court ने SC और ST को पदोन्नति में आरक्षण देने पर अपना फैसला सुरक्षित रखा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here