आधार की अनिवार्यता और संवैधानिकता के मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार (10 अप्रैल) को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। मंगलवार की सुनवाई में पुट्टास्वामी के फैसले में निजता के अधिकार के लिए जो भी आधार दिए गए हैं UIDAI उसको पूरा करता है या नहीं इस पर 5 जजों की संविधान पीठ के सामने दलीलें रखी गईं।

UIDAI की तरफ से ASG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बॉयोमीट्रिक्स लिए जाने की शुरुआत कोई नई पहल नहीं है…ये पहले से ही लिए जाते रहे हैं। पैन कार्ड के लिए थंब इम्प्रैशन लिया जाता है और ये प्रक्रिया सन 1989-1990 से ही जारी है। तुषार मेहता की इस दलील पर बेंच ने कहा कि बॉयोमीट्रिक्स उन लोगों का लिया जाता था जिनको अपने हस्ताक्षर करने नही आते थे। इसका जवाब देते हुए ASG तुषार मेहता ने कहा कि जिनको साइन करना नहीं आता क्या उनकी निजता नहीं होती, क्योंकि जिस प्रिवेसी की बात की जा रही है वो तो सबके लिए बराबर है।

तुषार मेहता के इस जवाब पर बेंच ने दोबरा सवाल किया कि उस समय बॉयोमेट्रिक स्टोर करने का कोई प्रावधान नहीं था। बेंच के इस सवाल का जवाब देते हुए तुषार मेहता ने एक बार फिर कहा कि आज भी पैन कार्ड बनाने के लिए बायोमेट्रिक थंब इम्प्रेशन लिया जाता है और उसे स्टोर किया जाता है। तुषार मेहता ने आगे अपनी दलील देते हुए कहा कि अब संपत्ति की सेलडीड के लिए हस्ताक्षर के साथ-साथ थंब इम्प्रेशन भी लिया जाता है जिससे सेलडीड करने वाले आदमी की पहचान को और पुख्ता बनाया जा सके और धोखाधड़ी की संभावना को कम किया जा सके। मामले पर बुधवार (11 अप्रैल ) को भी सुनवाई जारी रहेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here