Ghulam Nabi Azad: कांग्रेस के दिग्गज नेता और G-23 का हिस्सा गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता आजाद काफी दिनों से अपनी जिम्मेदारियों के प्रति असंतुष्ट चल रहे थे। उन्होंने पार्टी को कई बार आगाह भी किया था कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है वह उनके पार्टी में कद के हिसाब से नहीं है। आजाद का इस्तीफा पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर समेत राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नुकसान माना जा रहा है। आजाद ने 5 पेजों में पार्टी से इस्तीफा देकर गंभीर सवाल भी उठाए हैं। आइए यहां गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे की बड़ी बातों पर नजर डालते हैं।

Ghulam Nabi Azad के इस्तीफे की बड़ी बातें…
- गुलाम नबी आजाद ने अपने लेटर में राहुल गांधी को लेकर खासी नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा कि राहुल अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते हैं और वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर दिया। बता दें कि राहुल गांधी पर पहले भी पार्ट टाइम पॉलिटिशियन होने के आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले भी हार्दिक पटेल और हिमंत बिस्वा सरमा ने उन पर समय न देने का आरोप लगाया था।
- कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, उसको लेकर आजाद ने लिखा है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले पार्टी नेतृत्व को ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ शुरू करनी चाहिए।
- गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को लिखा कि कांग्रेस ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चलाने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति ने इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है।
- दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को बदल दिया। उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही राहुल का प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया अध्यादेश फाड़ना उनकी अपरिवक्ता दिखाता है। इससे 2014 में हार का सामना करना पड़ा।
- गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव न कराने को लेकर भी गांधी परिवार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संगठन में किसी भी स्तर पर कहीं भी चुनाव नहीं हुआ।
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