पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की मुशकिलें बढ़ती दिख रही हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार (28 फरवरी) को कार्ति को एक दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। लंबे समय से चल रही पूछताछ के बाद सीबीआई ने आइएनएक्स मीडिया को FIPB क्लियरेंस दिलवाने के मामले में कार्ति चिदंबरम को बुधवार (28 फरवरी) को चेन्नई से गिरफ्तार किया और उसके बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। हालांकि सीबीआई ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी।

कार्ति पर फेमा के उल्लंघन का आरोप है। सीबीआई का कहना है कि कार्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं लिहाजा उन्हें गिरफ्तार किया गया है। कार्ति बुधवार को ही लंदन से वापस भारत लौटे और लौटते ही गिरफ्तार कर लिया गया। कार्ति चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। कार्ति को जब-जब पूछताछ के लिए बुलाया गया तब-तब वो पेश हुए। विदेश जाने के मामले में कार्ति ने कहा की मुझे विदेश जाने के लिए कोर्ट ने इजाजत दी। मैं जब भी विदेश गया कोर्ट के आदेश के अनुसार वापस लौटा हूं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाई कोर्ट ने कार्ति के हक में फैसला दिया है।

सिंघवी ने कहा कि कार्ति पर 10 लाख रुपये का आरोप है। जबकि वो पैसा टीडीएस काट कर लिया गया। उस कंपनी में वो शेयर होल्डर भी नहीं है। यह मामला 10 साल पुराना है। 2 बार सीबीआई पूछताछ कर चुकी है लेकिन अभी तक एक भी बार स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं की है। जिस अधिकारी पर मामले में कार्ति के  दबाव बनाने का मामला है उसको भी पूछताछ के लिए कभी सीबीआई ने नहीं बुलाया है।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति को 1 मार्च को पेश होने का समन जारी किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से कार्ति ने समन पर रोक लगने की मांग की थी लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था वह संबंधित प्रशासन से अपील कर सकते हैं।

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