Jara Hat ke: ब्रह्मांड में जीवन की उत्‍पत्ति कैसे हुई? सारे रहस्‍य खोलेगी महामशीन “Large Hedron Collider’

Jara Hat Ke: इस मशीन के जरिये भारी मात्रा में ऊर्जा का उत्‍सर्जन होगा। जोकि प्रोटॉन को तोड़ेगी।ये परीक्षण फ्रांस और स्विटजरलैंड की सीमा पर धरती से करीब 100 मीटर नीचे किया जाएगा।

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Jara hat ke: Mahamachine

Jara Hat Ke: कभी आपने सोचा कि इस ब्रहमांड की रचना कैसे हुई होगी? हमने किताबों और धार्मिक मान्‍यताओं पर आधारित बहुत सी बातें सृष्टि और इस ब्रहमांड के बारे में सुनी हैं। इसी कड़ी में अब नया टर्निंग प्‍वाइंट बनने का काम महामशीन कर रही है। जी हां, ब्रहमांड में जीवन की उत्‍पत्ति के रहस्‍य से पर्दा उठने वाला है।

इसके लिए दुनिया की सबसे शक्तिशाली मशील लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर एक बार फिर से इस मिशन पर काम शुरू करने जा रही है। आपको बता दें ये वही मशीन है जिसने 10 वर्ष पूर्व जुलाई 2012 करे हिग्‍स बोसॉन यानी गॉड पार्टिकल की खोज भी की थी। इस समय मशीन पर पूरे दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नजरें टि‍की हुईं हैं।

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Jara Hat Ke: Mahamachine

Jara Hat ke: भारी मात्रा में होगा ऊर्जा का उत्‍सर्जन

इस मशीन के जरिये भारी मात्रा में ऊर्जा का उत्‍सर्जन होगा। जोकि प्रोटॉन को तोड़ेगी।ये परीक्षण फ्रांस और स्विटजरलैंड की सीमा पर धरती से करीब 100 मीटर नीचे किया जाएगा। वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि इस मशीन के चलने के बाद जब प्रोटॅान का विखंडन होगा तो ऊर्जा के विशालकाय भंडार का संचार होगा। जिससे पता चलेगा कि आखिर से ब्रहमांड काम कैसे करता है और इससे जुड़े बड़े रहस्य क्‍या हैं?

Jara Hat Ke: इसी वर्ष अप्रैल में सक्रिय हुई मशीन

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jara hat ke: Mahamachine.

वर्ष 2012 के प्रोजेक्‍ट के बाद मशीन को 3 साल बाद मशीन को अप्रैल में दोबारा सक्रिय किया गया। इस बार जब ये मशीन शुरू होगी तो करीब 13 टेरा इलेक्‍ट्रान वॉल्‍ट के अभूतपूर्व ऊर्जा स्‍तरों पर 4 वर्ष के लिए 24 घंटे काम करेगी। इस दौरान हजारों वैज्ञानिक मौजूद रहेंगे

Jara Hat Ke: करोड़ों की लागत से बनी मशीन

जानकारी के अनुसार महामशीन को बनाने में कुल 31 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसे बनाने का मकसद डार्क मैटर और ब्‍लैक होल को समझना है। इस मशीन को चलाने के लिए 1.98 केल्विन यानी माइनस 271 डिग्री से‍ल्सियस तापमान की जरूरत होगी। इस जगह को बनाने में फ्रांस को अपने प्रसिद्ध एफिल टावर जितना लोहे का इस्‍तेमाल करना पड़ा।

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