INDW vs SLW: महिला क्रिकेट टीम मिताली राज के बिना इस बार मैदान में उतरने जा रही है। मिताली राज की जगह वनडे मैच में बतौर कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टीम की कमान संभाल ली है। हरमनप्रीत कौर की ये नई पारी है। शुक्रवार से इंडियन वुमन टीम मेजमान श्रीलंका के खिलाफ मैदान में उतरने वाली है।
3 मैचों की वनडे सीरीज में हरमनप्रीत के लिए यह मैच एक नई चुनौती की तरह है। जहां वो अपने टीम से बेहतर प्रर्दशन की उम्मीद के साथ कई रणनीति तय करेंगी। इस खास मुकाबले से पहले टीम की नई कप्तान ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कुछ खास बातें कही हैं। हरमनप्रीत फिटनेस को लेकर काफी एक्टिव हैं और अपनी टीम में भी यही गुण लाना चाहती हैं।
INDW vs SLW: ‘फील्डिंग और फिटनेस को बेहतर बनना टारगेट’- हरमनप्रीत
मिताली राज के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम की कमान हरमनप्रीत के हाथ में आ गई है। कप्तान बनने के बाद हरमनप्रीत ने कहा कि वह टीम की फिटनेस और फील्डिंग के स्तर में सुधार चाहती हैं।
मुकाबले से पहले कौर ने कहा कि मैंने टीम के लिए लक्ष्य तय किए हैं और इसमें फिटनेस सबसे जरूरी है। स्किल डेवलपमेंट के लिए हमारे पास कोच हैं, लेकिन मैं खुद फिटनेस के लिए खुद अपनी टीम के खिलाड़ियों के सामने मिसाल पेश करना चाहती हूं। फिल्डिंग और फिटनेस में सुधार की जरूरत है। अगर ऐसा होता है तो आप बेस्ट टीम बनकर उभर सकते हैं।
INDW vs SLW: खिलाड़ियों की आजादी जरूरी
महिला क्रिकेट टीम के कप्तान की कुर्सी संभालने के बाद हरमनप्रीत ने अपने विचार साझा करते हुए कई बातें कही हैं। हरमनप्रीत का कहना है कि मिताली राज के संन्यास लेने के बाद उनके लिए टीम को बेहतर बनाना और उसे आगे ले जाना आसान होगा। उन्होंने अपने और मिताली के लीडरशिप में अंतर को भी बताया।
श्रीलंका के खिलाफ फस्ट वनडे से पहले हरमनप्रीत से उनकी कप्तानी से जुड़े सवाल किए गए। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा,”अगर में कप्तान के तौर पर खेल का आनंद लूंगी तो बाकी भी लेंगे। खिलाड़ियों को आजादी देने पर प्रर्दशन बेहतर होता है और यही मेरा लक्ष्य है।”
INDW vs SLW: फुल टाइम कैप्टन होने का दबाव नहीं
हरमनप्रीत काफी समय से T20 टीम में कप्तान रही हैं। कप्तानी का उन्हें अच्छा अनुभव भी है। अपनी इस नयी पारी पर उनका कहना है कि उन्हें कप्तानी में मजा आता है और फुल टाइम कप्तान बनने पर उन पर कोई एक्स्ट्रा प्रेशर नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं कप्तानी कर रही होती हूं तो खेल से खुद को ज्यादा जुड़ा महसूस करती हूं, मैं खुद को कनेक्टेड फील करती हूं। इससे मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ता है। मैदान में टीम का नेतृत्व करने का हुनर मेरे अंदर कुदरती है।
संबंधित खबरें: