Eczema: अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि उन्हें स्किन पर लगातार खुजली रहती है। ये आमतौर पर होने वाली खुजली नहीं बल्कि एक प्रकार का चमड़ी रोग यानी एक्जिमा है। जिसमें तेज खुजली और लाल चकत्ते बनने लगते हैं। इसे साइंटिफिक भाषा में एटॉपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है।एक्जिमा का शीघ्र इलाज संभव नहीं है, हालांकि, दवाओं की मदद से इसके लक्षणों को काफी नियंत्रित किया जा सकता है।ताकि ये रोग परेशान न करे।
Eczema: आखिर क्या मर्ज है एक्जिमा ?
एक्जिमा एक प्रकार का त्वचा रोग होता है। जिसमें शरीर के किसी भी हिस्से में सामान्य से अधिक खुजली होती है। यह सबसे कॉमन त्वचा रोगों में से एक है।
हर आयु वर्ग के लोगों में देखा जाता है। यहां तक कि नवजात शिशुओं और बच्चों में भी यह समस्या काफी आम है। एक्जिमा होने पर शरीर में तेज खुजली होती है और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं।ये रोग वंशानुगत भी होता है।त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर के लिए त्वचा एक बाहरी सुरक्षा परत की तरह काम करती है। जोकि शरीर में नमी की कमी नहीं होने देती। साथ ही यह हानिकारक केमिकल्स और प्रदूषण कणों से भी शरीर को सुरक्षित रखती है।एक्जिमा की बीमारी से इस सुरक्षा परत को नुकसान पहुंचता है।
नतीजन त्वचा का रूखापन बढ़ जाता है। एक्जिमा भले ही एक कॉमन स्किन प्रॉब्लम है। इसका कोई पूर्ण इलाज उपलब्ध नहीं है। बावजूद इसके कुछ ऐसे तरीके भी हैं जिनकी मदद से एक्जिमा के लक्षणों से राहत मिल सकती है।
मसलन जीवनशैली की अच्छी आदतें अपनाकर, खानपान में सुधार करके और इसके जोखिम कारकों से बचकर भी एटॉपिक डर्मेटाइटिस विकसित होने के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
Eczema: यहां जानें एक्जिमा के लक्षण
- 1 हथेलियों की त्वचा में गहरी लकीरें उभरना
- 2 त्वचा में बहुत खुजली होना और त्वचा की रंगत लाल होना
- 3 बार-बार खुजलाने से त्वचा पर लाल चकत्ते बनना या दाने निकलना
- 4 नींद न आने की परेशानी
- 5 रोग से परेशान होकर लोगों से मिलने-जुलने में हिचकिचाहट, चिड़चिड़ापन और चिंता विकार
- 6 शिशु की सिर की त्वचा में रूखापन और खुजली या ड्राई स्कैल्प की समस्या
- 7 त्वचा में पानी वाले बुलबुले और फोड़े-फुंसी दिखना
- 8 बच्चों को सोने में असुविधा और चिड़चिड़ापन
- 9 स्किन इंफेक्शन
- 10 कलाई और गर्दन में रैशेज और ड्राई पैच बनना
- 11 आंखों के पास की स्किन मोटी और काली दिखना
Eczema होने के कारण
अनुवांशिक : जिन लोगों के परिवार में पहले से ही किसी को एक्जिमा, हे फीवर (hay fever) और अस्थमा जैसी बीमारियां हैं। उन्हें एक्जिमा होने का खतरा अधिक होता है।
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता: एक्जिमा से पीड़ित लोगों का इम्यून सिस्टम प्रदूषण के कणों और एक्जिमा के अन्य कारकों के प्रति बहुत तेजी से प्रतिक्रिया देता है। इससे त्वचा की सूजन बढ़ती है और एक्जिमा के लक्षण भी बढ़ सकते हैं।
वातावरण: मौसम बदलने के कारण एक्जिमा नहीं होता लेकिन मौसम में होने वाले बदलाव से एक्जिमा हो सकता है।जैसे पहाड़ियों और कम तापमान वाले स्थानों पर साल के कुछ महीनों में हवा में नमी अधिक होती है।वहां के लोगों को केवल कुछ दिनों या महीनों तक ही धूप या गर्मी मिल पाती है।एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसे लोगों को एक्जिमा होने का रिस्क अधिक होता है।
पर्यावरण: प्रदूषण और पर्यावरण में मौजूद कुछ तत्व ऐसे भी होते हैं जो एक्जिमा के पीड़ित लोगों में एलर्जिक रिएक्शन्स को बढ़ा सकते हैं।
Eczema का इलाज
- दर्द और खुजली से राहत दिलाने के उपाय अपनाएं।
- तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- त्वचा को मॉइश्चराइज करें,ताकि उसका रूखापन ना बढ़े।
- स्किन इंफेक्शन से बचें।
- शरीर की सफाई का विशेषतौर पर ध्यान दें।
- हल्के गुनगुने पानी से 5-10 मिनट का स्नान करें। इससे स्किन हाइड्रेटेड रहेगी।
- ऐसी क्रीम त्वचा पर लगाएं जो आपके एलर्जी न करें।
- कुछ विशेष प्रकार की गंध वाले स्प्रे, लोशन के इस्तेमाल से बचें।
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