Supreme Court: नोएडा की पूर्व सीईओ रितु माहेश्वरी की इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट को चुनौती देने का मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी। तब तक माहेश्वरी को मिली अंतरिम राहत बरकरार रहेगी।
मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस नजीर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि इस बेंच को मामले की सुनवाई में कुछ समस्या है। इसलिए इस मामले को CJI के पास भेज दिया जाए। अब CJI के निर्देश के बाद ही इस मामले पर सुनवाई कोई और बेंच में होगी।
Supreme Court: क्या था मामला ?
नोएडा के सेक्टर-82 में अथॉरिटी ने 30 नवंबर 1989 और 16 जून 1990 को ‘अर्जेंसी क्लॉज’ के तहत भूमि अधिग्रहण किया था।जिसे जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी। वर्ष 1990 में दायर मनोरमा की याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2016 को फैसला सुनाया था।
हाईकोर्ट ने ‘अर्जेंसी क्लॉज’ के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया था। मनोरमा को नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत सर्किल रेट से दोगुनी दरों पर मुआवजा देने का आदेश दिया था।
प्रत्येक याचिका पर 5-5 लाख रुपये का खर्च आंकते हुए भरपाई करने का आदेश प्राधिकरण को सुनाया था।इसी मामले को लेकर आदेश की अवमानना बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैर जमानती वारंट किया था।
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