यूपी में निकाय चुनाव होने हैं जिसके लिए तमाम पार्टियां प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं। आज से सीएम योगी भी इस काम में जुटने जा रहे हैं। आज से यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या नगरी से अपने तूफानी दौरे की शुरुआत करेंगे।

बता दें कि यह निकाय चुनाव योगी सरकार के लिए एक परीक्षा भी है जहां जनता उनके सात महीने के कामकाज को अपनी कसौटी पर कसेगी। इसी को देखते हुए उन्होंने खुद ही निकाय चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है। सीएम आदित्यनाथ आज सुबह 11 बजे अयोध्या के GIC ग्राउंड में रैली करेंगे। इसके बाद दोपहर एक बजे गोंडा और ढाई बजे बहराइच में योगी आदित्यनाथ प्रचार करेंगे।

Uttar Pradesh Civic Body Elections 2017प्रचार के दौरान प्रदेश के सभी 16 नगर निगम में योगी आदित्यनाथ की एक-एक जनसभा रखी गई है। इसी कड़ी में आखिरी चरण का चुनाव प्रचार बंद होने के पहले सीएम की 30 से अधिक सभाएं प्रस्तावित हैं। कार्यक्रमों के दौरान अलग- अलग दिनों में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य या दिनेश शर्मा भी सीएम के साथ होंगे। खास बात यह है कि कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार तय की गई है कि योगी तीन दिन रात्रि विश्राम अपने संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में करेंगे, जिससे वहां का चुनावी अभियान भी धीमा न पड़े।

इसके तहत 15 नवंबर को कानपुर, 16 को अलीगढ़, मथुरा और आगरा, 17 को इलाहाबाद और 18 को मुजफ्फरनगर, मेरठ और गाजियाबाद में सीएम की सभाएं होंगी। 19 को सीएम की आजमगढ़, गाजीपुर और देवरिया में जबकि 20 को बलरामपुर, बस्ती और गोरखपुर में सभाएं प्रस्तावित हैं। 21 को जौनपुर, बलिया, मऊ, 22 को वाराणसी, 23 को शाहजहांपुर, फर्रूखाबाद, कन्नौज और फिरोजाबाद में जनसभा प्रस्तावित की गई हैं। 24 नवंबर को योगी आदित्यनाथ लखनऊ में सभा संबोधित करेंगे।

गौरतलब है कि कल सीएम योगी ने भाजपा का संकल्प पत्र जारी किया था। सी दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था कि, ‘‘राज्य में 652 स्थानीय निकायों में चुनाव होने जा रहा है। इनमें से 16 नगर पालिकायें हैं। जबकि इससे पहले राज्य में 12 नगर पालिकायें हुआ करती थी।’’ उन्होंने खुशी जाहिर की कि उनकी सरकार ने अयोध्या और मथुरा वृंदावन नगर निगम का गठन किया गया और वहां पहली बार चुनाव हो रहे हैं।

22 नंवबर से यूपी में तीन चरणों में होने वाले निकाय चुनाव को योगी की अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। अगर योगी अपनी पहली परीक्षा में सफल होते हैं तो 2019 लोकसभा चुनाव से पहले इसे बीजेपी के लिए शुभ संकेत माना जाएगा।

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