UP News: सनातन धर्म की परंपरा रही है,कि मरने के बाद मोक्ष तभी मिलता है, जब अस्थियों का गंगा जी में विसर्जन किया जाए। सनातन धर्म की यह परंपरा विदेश में रहने वाले देशवासी आज भी नहीं भूले हैं। इसी क्रम में इंग्लैंड में रहने वाले दीपांकर दीक्षित कानपुर पहुंचे।भैरोंघाट के मोक्षधाम में बने अस्थि कलश बैंक से अपनी मां की अस्थियों का पूरे विधि विधान से पूजन करने के बाद प्रयागराज के लिए रवाना हो गए।

UP News: लॉकडाउन के दौरान कोरोना से हुई थी मौत
कानपुर के आर्यनगर निवासी 65 वर्षीय कल्पना दीक्षित का निधन कोरोना काल में हो गया था।अपनी मां की मौत होने की जानकारी जब दीपांकर हो हुई। तो उन्होंने भारत आने का बहुत प्रयास किया, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह भारत नहीं आ सके।जिस पर कल्पना का अंतिम संस्कार उनके भतीजे आनंद त्रिपाठी ने किया।
मृतका कल्पना के बेटे दीपांकर ने अपने ससुर जगतवीर सिंह द्रोण से आग्रह कर उनकी अस्थियां सुरक्षित रखने के लिए कहा था।अंतिम संस्कार के बाद मृतका कल्पना दीक्षित की अस्थियां भैरोंघाट पर बने अस्थि कलश बैंक में सुरक्षित रख दी गईं।
प्रयगराज के लिए रवाना

अस्थि कलश बैंक के संस्थापक मनोज सेंगर ने कहा कि पूरे विधि-विधान से बेटे दीपांकर और बहू जया ने कल्पना की अस्थियों का पूजन करने के बाद प्रयागराज के लिए रवाना हुए हैं। जहां वे कल्पना की अस्थियों को संगम में विसर्जित करेंगे।
मृतका कल्पना की बहू जया ने बताया की कोरोना के समय लॉकडाउन लगा हुआ था। इसलिए हम लोग भारत नहीं आ सके। दो साल बाद भारत आ सके हैं और यंहा से अस्थि कलश ले जाकर उनका विसर्जन संगम में करेंगे।
विस्तृत चुनाव परिणाम के लिए यहां क्लिक करें। ताजा खबरों के लिए हमारे साथ Facebook और Twitter पर जुड़ें।
- UP News: पेपर देने जा रहे नाबालिग की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, आरोपी फरार
- UP News: UP में ट्रैक्टरों के सहारे से तीन कंबाइन मशीन नदी पार कराने का ‘Video’ हुआ वायरल