Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालतों के आदेश के बावजूद पत्नी व बच्चों को गुजारा भत्ता नहीं मिल पाने पर चिंता जताई है।कोर्ट ने कहा महिलाएं आदेश लेकर भटक रही हैं और आपराधिक न्याय की खामियों का पति के परिवार वाले अनुचित लाभ उठा रहे हैं।
कोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया है कि गुजारा भत्ता मामले में जारी आदेश या सम्मन समय से तामील कराना सुनिश्चित करें।गुजारा भत्ते का भुगतान तय समय पर ही करवाया जाए।ये आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने वाराणसी के अरविंद उपाध्याय की अधीनस्थ अदालत के आदेश की अधिकारिता को लेकर दाखिल याचिका को वापस करते हुए खारिज कर दिया है।
Allahabad HC: घरेलू हिंसा के तहत दर्ज था केस
मालूम हो कि याची की पत्नी ने घरेलू हिंसा कानून के तहत केस दायर किया था।अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज ने पत्नी प्रियंका को आवास में रहने देने सहित गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।याची का कहना था कि मजिस्ट्रेट ने अपने अधिकार से बाहर जाकर आदेश दिया है।
कोर्ट ने नोटिस जारी कर आदेश के अमल पर रोक लगा दी। इसके बाद पत्नी कोर्ट में हाजिर हुई,लेकिन याची नहीं आया।उसके पिता ने पुलिस थाना सारनाथ में लापता होने की एफआईआर दर्ज करवाई। इधर पत्नी ने गुजारा भत्ता दिलाने व आवास में रहने के आदेश का पालन कराने की मांग की। आरोप लगाया कि पुलिस की मिलीभगत से याची पेश नहीं किया जा रहा है। वह आदेश का पालन नहीं करना चाहता। हाईकोर्ट ने आदेश देने वाले मजिस्ट्रेट पर जिला जज से रिपोर्ट मांगी। कहा कि ऐसा आदेश कैसे दिया?
Allahabad HC: पुलिस कमिश्नर वाराणसी तलब
पुलिस पर याची की तलाश कर पेश करने का दबाव बढ़ाया गया। डीआईजी वरुणा ने पुलिस टीम को लगाया। याची के पिता लक्ष्मी प्रसाद उपाध्याय Allahabad HC में हाजिर हुए और अर्जी दी कि अपनी पत्नी के अत्याचार से याची का मानसिक संतुलन खराब हो गया है। इलाज चल रहा था। वह कहीं चला गया है।जबकि पत्नी ने इसे झूठ करार देते हुए कोर्ट को बताया कि उसे छिपा रखा है। इस बाबत Allahabad HC ने पुलिस कमिश्नर वाराणसी को तलब किया।
इसके बाद याची गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।कोर्ट ने दोनों के बीच समझौता कराने के लिए तलब किया।वाराणसी जेल से कोर्ट में पेश अदालत में जज के सामने याची रोने लगा,बोला उसे जेल में ही रहने दें। वह प्रियंका के साथ रहने के बजाय जेल में अधिक सुरक्षित है।
Allahabad HC: पुलिस और अपने ससुर को धमकाने का आरोप
आरोप लगाया कि पुलिस और अपने ससुर को धमका रही थी। कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करार दिया। समझौते का प्रयास विफल हो गया। पुलिस महिला को किसी तरह जज के चेंबर से बाहर ले गई।
कोर्ट ने कहा खुशहाल जीवन जीने के लिए समझौते के लिए बुलाया गया था। क्योंकि विवाद वैवाहिक जीवन को नरक बनाता है। कोर्ट ने कहा कंफ्यूज ट्बल्ड महिला है। पुलिस को धमका रही है,सबको परेशान करना चाहती है।
Allahabad HC ने महिलाओं को गुजारा भत्ते का भुगतान न होने के कई मामले आने को लेकर चिंता जाहिर की। याची ने याचिका वापस लेने की मांग की। कोर्ट ने खारिज करते हुए कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की छूट दी और पुलिस को जल्द ही याची को जेल वापस ले जाने की अनुमति दी।
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