Ropeway Accident: झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 42 लोगों को बचाया जा चुका है जबकि 6 लोग अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। वहीं इस दुर्घटना में अब तक 3 लोगों की मौत हो गई है। मंगलवार सुबह 6 बजे से लगातार लोगों को वहां से निकालने की जद्दोजहद चल रही है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर इतना बड़ा हादसा हो कैसे गया। जिन ट्रॉलियों पर ये हादसा हुआ है, इन ट्रॉलियों के जरिए हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु झारखंड की धार्मिक नगरी देवघर के पहाड़ पर बने मंदिरों तक पहुंचते हैं।
बता दें कि इससे पहले रविवार को अंधेरा होने के कारण केबल कारों में फंसे लोगों को निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो सका था। लेकिन सोमवार को सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ ने देवघर रोपवे में फंसे लोगों को निकालने का बीड़ा उठाया और यह बचाव अभियान अभी भी जारी है। 2500 फीट की ऊंचाई 6 लोग अभी भी फंसे हुए हैं।

Ropeway Accident: आपस में टकरा गई थी केबल कार
बता दें कि झारखंड के देवघर जिले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर रोपवे पर कुछ केबल कारों के आपस में टकरा जाने से 3 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस हादसे के बाद रोपवे में करीब अड़तालीस लोग 12 केबिनों में फंस गए। जिन्हें रेस्क्यू करने का काम पिछले कई घंटो से जारी है।
Ropeway Accident : सोमवार सुबह से जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम लोगों को बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। झारखंड के देवघर जिले में त्रिकूट हिल्स रोपवे सर्विस में फंसे करीब 50 पर्यटकों को बचाने के लिए रविवार देर रात भारतीय वायुसेना को अनुरोध मिला। अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना ने सोमवार की सुबह एक एमआई-17 और एक एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किया।

Ropeway Accident: मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को रोपवे दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बचाव कार्यों पर भी चर्चा की। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि पहली बार भारतीय सेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने इस बचाव अभियान के लिए जिला प्रशासन के साथ संयुक्त समन्वय किया है।
संबंधित खबरें…