Qutub Minar Case: कुतुब मीनार परिसर में बनी क़ुव्वत उल इस्लाम मस्जिद परिसर में रखी हुई देवी देवताओं की मूर्ति को परिसर में उचित स्थान पर रखने की मांग करते हुए दिल्ली की साकेत कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस मामले पर साकेत कोर्ट 13 अप्रैल यानी कि बुधवार को सुनवाई करेगा। इससे इतर विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि कुतुब मीनार परिसर में 27 प्राचीन मंदिरों का पुनर्निर्माण शुरू कर पूजा पाठ करने की इजाजत देनी चाहिए।
Qutub Minar Case: याचिका में दावा
देवी देवताओं की ओर से वकील हरिशंकर जैन ने साकेत कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा हैं कि क़ुव्वत उल इस्लाम मस्जिद परिसर में भगवान गणेश की दो मूर्तियां नीचे पड़ी हुई हैं, जिसकी वजह से करोड़ो लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। याचिका में मांग की गई है कि भगवान गणेश की मूर्तियों को लेकर नेशनल मोन्यूमेंट ऑथिरिटी द्वारा ASI को दिए गए सुझाव के मुताबिक नेशनल म्यूज़ियम में रखने के बजाए परिसर में ही उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए।
बता दें कि इस मामले में पहले भी याचिका दाखिल कर जैन तीर्थंकर ऋषभदेव ने बताया था कि भगवान विष्णु, भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी गौरी, भगवान सूर्य और हनुमान जी समेत 27 मंदिरों के अन्य देवी देवताओं की मूर्तिया मौजूद हैं, जिनपर पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। इसके लिए साकेत कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। उस याचिका पर भी कोर्ट सुनवाई कर रहा हैं।
Qutub Minar Case: विश्व हिंदू परिषद का बयान
देवी-देवातओं की मूर्तियां जमीन पर रखने से आहत विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि कुतुब मीनार में जिस तरह से हमारे देवी- देवाताओं को रखा गया है, वो मंजर दिल दहलाने वाला है।
वहीं उन्होंने दावा किया है कि 73 मीटर ऊंची संरचना भगवान विष्णु के मंदिर पर बनाई गई थी और उक्त मंदिर को एक हिंदू शासक के समय में निर्मित किया गया था। बंसल ने पीटीआई से बातचीत में दावा किया, ‘‘जब मुस्लिम शासक आया तो उसके कुछ हिस्सों को 27 हिंदू-जैन मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री के साथ पुनर्निर्मित किया गया, और इसका नाम बदलकर कुव्वत-उल-इस्लाम कर दिया गया।”
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