भारत और पाकिस्तान का सीमा विवाद आय दिन बढ़ता जा रहा है जिसमें भारत और आक्रामकता के साथ पाकिस्तान को जवाब दे रहा है। मगर बीएसएफ ने ‘ऑपरेशन अर्जुन’ के तहत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देकर पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
दरअसल बीएसएफ ने सीमा के करीब स्थित पाकिस्तानी सेना के वर्तमान और पूर्व सैन्य अफसरों के घरों और खेतों पर निशाना लगाकर हमला किया है जिससे पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम के लिए अनुरोध करने पर विवश हो गई। एक अंग्रेजी अखबार में छपे खबर के मुताबिक भारत ने पाकिस्तानी स्नाइपरों द्वारा भारतीय सैनिकों को मारने और सीमावर्ती गांवों और ग्रामीणों पर गोलीबारी के बाद “ऑपरेशन अर्जुन” नामक अभियान शुरू किया। भारत के इस अभियान के बाद पाकिस्तानी सेना घुटनों पर आ गई है और शांति चाहती है।
ऑपरेशन अर्जुन के तहत बीएसएफ ने छोटे और मझोले आकार के बमों और हथियारों का प्रयोग किया है। भारतीय सीमा सुरक्षा बल के इस ऑपरेशन में सात पाकिस्तानी रेंजर्स और 11 नागरिक मारे गये। भारतीय सैनिकों ने सीमा के करीब स्थित कई पाकिस्तानी चौकियों को तबाह कर दिया।
बीएसएफ की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स पंजाब के डीजी मेजर जनरल अजगर नवीद हयात खान ने बीएसएफ के डायरेक्टर केके शर्मा को पिछले हफ्ते में दो बार फोन किया और गोलीबारी रुकवाने का अनुरोध किया।
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी डीजी ने बीएसएफ के डायरेक्टर शर्मा को पहली बार 22 सितंबर को फोन किया था और फिर दोबारा सोमवार (25 सिंतबर) को भी कॉल की। इस कॉल में पाकिस्तानी डीजी हयात खान ने पाकिस्तान की तरफ से की जा रही गोलीबारी पर कड़ा एतराज जताया। इसका जवाब देते हुए डायरेक्टर शर्मा ने पाकिस्तानी डीजी हयात खान से कहा कि उनके जूनियर लेफ्टिनेंट कर्नल इरफान जो कि 12 चेनाब रेंजर्स के कमांडिंग अफसर हैं उकसाने वाली कार्रवाई करते रहे हैं जिससे भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई करने की आशंका बढ़ती है।
बता दें कि इस मिशन के तहत भारतीय सेना ने रिटायर हो चुके पाकिस्तानी सेना एवं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों और पाकिस्तानी रेंजर्स के घरों और खेतों को खास तौर पर निशाना बनाया। ऐसा इसलिए भी किया गया है क्योंकि पाकिस्तानी सेना ने अपने रिटायर हो चुके अफसरों को सीमा के नजदीक जमीनें दी हैं ताकि वो वहां से घुसपैठ कराने में अपने अनुभव से मदद कर सकें और भारती विरोध अभियानों के संचालन में मदद दे सकें।