Ghazipur Landfill Fire: कुतुबमीनार की ऊंचाई पार करने वाला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित गाजीपुर के डंपिंग ग्राउंड में लगी आग तीसरे दिन भी धधक रही है। आग 29 मार्च को दोपहर 2 बजे लगी थी अभी भी फायर बिग्रेड की गाड़ियां बुझा नहीं पाईं हैं। इलाके में रहने वाले लोग धुएं के कारण परेशान हैं। लोगों का कहना है कि वे सांस नहीं ले पा रहे हैं। फायर बिग्रेड की टीम आग को बुझाने की कोशिश कर रही है। पर पॉलिथीन होने के कारण आग तेजी से फैल रही है और धुआं बढ़ते जा रहा है। इलाके में दिन में भी धुंध छाया हुआ है।
Ghazipur Landfill Fire: फायर बिग्रेड की गाड़ियां कर रही हैं काम
स्थानीय लोगों का कहना है कि कचरे के ढेर में से हमेशा धुआं निकलते ही रहता है। पर 29 मार्च को आग तेजी से लग गई और फैलने लगी। आग को फायर बिग्रेड की पांच गाड़ियां बुझाने का काम कर रही हैं। आग बढ़ते ही जा रही है।
जाहिर है करीब 20 साल के अंदर ही यह 65 मीटर की ऊंचाई पार कर गया था। आशंका थी कि यह कुछ सालों में कुतुबमीनार और ताजमहल की हाइट से भी बड़ा हो जाएगा। गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड की ऊंचाई तेजी से बढ़ रही है।
Ghazipur Landfill Fire: जनता की परेशानी
बता दें कि कचरे के ढेर में Methane Gas का रिसाव होने के कारण आग लगती है। गैस अगर अधिक बन रही है तो ब्लास्ट भी होता है। कचरे के ढेर के पास रहने वाले अधिकतर लोग कैंसर और अस्थमा से पीड़ित हैं।
इससे पहले 25 नवंबर 2020 को भयंकर आग लगी थी। आग इतनी भयंकर थी कि 2 दिन तक कचरे के पहाड़ पर आग धधक रही थी। वहीं 2017 में कचरे के ढेर में बलास्ट हो गया था, जिससे 2 मजदूरों की मौत हो गई थी। कूड़े के ढेर का एक हिस्सा ढहने से ऊपर कचरे को Recycle में लगे मजदूर नाले में गिर गए थे। हादसा Methane Gas अधिक होने के कारण हुआ था।
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