भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज से पश्चिम बंगाल के तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वह कल रात ही कोलकाता पहुंच गए थे।
बता दें कि शाह यहां पार्टी के विस्तार के लिए आएं हैं। वे 11, 12 व 13 सितंबर को कोलकाता में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे प्रदेश नेताओं एवं कार्यकताओं के साथ बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेंगे। वे प्रदेश कमेटी को विशेष निर्देश भी दे सकते हैं। यहां भाजपा की कोशिश राज्य में माकपा को पीछे कर खुद मुख्य मुकाबले में लाना होगा।
वहीं शाह के दौरे से पहले ही राज्य में भाजपा व तृणमूल कांग्रेस में टकराव तेज हो गया है। राज्य सरकार ने शाह के एक कार्यक्रम के लिए सभा स्थल देने से मना कर दिया है। हालांकि भाजपा ने वैकल्पिक स्थान तय कर कार्यक्रम बरकरार रखा है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल भाजपा के लिए अगले लोकसभा की तैयारियों के हिसाब से बेहद अहम है। अमित शाह की बैठक नेताजी इंडोर स्टेडियम में होने वाली थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। अत: भाजपा ने अन्य स्थानों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की बैठक का आयोजन किया है।
पार्टी के एक प्रमुख नेता की मानें तो भाजपा के पक्ष में राज्य में माहौल बन रहा है। अब मंडल स्तर तक पार्टी को मजबूत करना है। शाह के चार माह के भीतर दूसरे दौरे से पार्टी संगठन में भी मजबूती आएगी और तृणमूल के खिलाफ काम करने के लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह भी आएगा।
उधर माकपा का दुर्ग ढहाकर सत्ता में आई ममता बनर्जी को इस समय माकपा के बजाए भाजपा से ज्यादा चुनौती मिल रही है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के चलते राज्य में तेजी से हो रहे ध्रुवीकरण का लाभ भाजपा लेना चाहती है। भाजपा की रणनीति का एक अहम हिस्सा विपक्षी खेमे की गैर कांग्रेसी ताकतों को कमजोर करना है। नीतीश कुमार को अपने खेमे में लेने के बाद उसके निशाने पर सबसे उपर ममता बनर्जी है।
बता दें कि अमित शाह ने पिछले साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल का दौरा किया था।