फर्जीवाड़े के कारण कोरोना मृतकों के परिजनों को मुआवजा मिलने में हो रही है देरी, सरकार SC को देगी पूरी जानकारी

देश में कोरोना से हुई मौत और मृतकों के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे की जानकारी सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को दी।

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Supreme Court: देश में कोरोना से हुई मौत और मृतकों के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे की जानकारी सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को दी। Solicitor General ने कोर्ट को बताया कि परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे में कथित फर्जीवाड़े के बारे में विवरण कल तक दायर किया जाएगा। मौत के फर्जी दावों के संबंध में केंद्र विस्तृत आवेदन दाखिल करेगा।सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था,कि इस तरह के फर्जी दावे भी आ सकते हैं।

हमने कभी नहीं सोचा था कि इस योजना का दुरुपयोग किया जा सकता है। अगर इसमें अधिकारी भी शामिल हैं, तो यह और भी बुरा हो जाता है। कोर्ट ने सुझाव भी दिया कि कोरोना से होने वाली मौत के मुआवजे के फर्जी दावों की जांच CAG से कराई जा सकती है। इस मामले में एमिकस आर बसंत ने भी सुझाव देते हुए कहा राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा भी मुआवजे के दावों की आकस्मिक जांच की जा सकती है।

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Covid Death Cases

Supreme Court: पिछले वर्ष भी दिया था आदेश

पिछले वर्ष ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा था, कि कोविड से हुई मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि देना होगा। स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड (SDRF) तैयार कर यह रकम आवेदन और डेथ सर्टफिकेट आदि पेश करने के 30 दिनों के भीतर दी जाएगी।

शीर्ष अदालत ने एनडीएमए के दिशानिर्देशों को मंजूरी देते हुए यह बात की थी। ये भी कहा था, कि कोविड से हुई मौत के मामले में मुआवजा राशि देने से राज्य इनकार नहीं कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि कोविड से हुई मौत के मामले में अगर सर्टिफिकेट में मौत का कारण कोविड नहीं लिखा है, तो सिर्फ इसी आधार पर मुआवजा देने से राज्य सरकार इनकार नहीं कर सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि मृतक के परिजन सर्टिफिकेट में बदलाव के लिए संबंधित कमिटी के सामने आवेदन दे सकते हैं। कोविड से मौत से संबंधित मेडिकल दस्तावेज पेश कर सकते हैं, उसके बाद ही संशोधित डेथ सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

कोर्ट ने तय की DJS और DHJS की परीक्षा तिथि

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली न्यायिक और दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा 2022 के लिए आयु सीमा की छूट दे दी।
सुप्रीम कोर्ट ने DJS और DHJS के आवेदन की तारीखों को बढ़ाते हुए DJS के लिए आवेदन की अंतिम तिथि अब 3 अप्रैल तय की है, जबकि परीक्षा 17 अप्रैल को होगी। वहीं DHJS के लिए आवेदन की अंतिम तिथि अब 26 मार्च है, परीक्षा 3 अप्रैल को होगी।

इसके लिए अपनी वेबसाइट पर नई तारीखों की जानकारी डालने के आदेश के साथ ही याचिका का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्‍ट कर दिया, कि आयु सीमा की छूट केवल इस बार के लिए ही है। चूंकि कोरोना की वजह से 2020 और 2021 के दौरान परीक्षाएं नहीं ली गई थीं। DJS की आयु सीमा 32 साल और DHJS के लिए यह सीमा 45 साल है।

दरअसल इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल दो याचिकाओं पर 4 मार्च और 8 मार्च को दिए गए दो आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था, कि परीक्षा पर रोक लगाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

इससे पहले कोर्ट ने कहा की परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। हालांकि कोर्ट ने न्यायिक सेवा के उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरने और परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देते हुए कहा कि उनका मामला कोर्ट के फैसले के अधीन होगा।

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