Prison Reforms: जेल सुधार समिति को Supreme Court का आदेश, “6 महीने के भीतर सौंपे रिपोर्ट”

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Gyanvapi Masjid Case
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Prison Reforms: जेल सुधारों की सिफारिश के लिए बनाई गई समिति को सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को छह महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद समिति का नेतृत्व कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज Amitava Roy को रिपोर्ट सौंपनी होगी। बता दें कि भारतीय केंद्र संघ ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर जेल सुधार के लिए बनाई गई समिति को 3 माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। याचिका पर सुनवाई करते हुए Justices L. Nageswara Rao and B.R. Gavai ने छह महीने का समय दिया है।

Prison Reforms: कब हुआ था समिति का गठन

Prison Reforms
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जाहिर है भारत की जेलों में कैदियों की हालत बहुत खराब है। देश की जेलों में मानवाधिकार के उल्लंघन की बात करें या फिर महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की, हर बार जेल की पोल खुलती आई है। इसे लेकर कोर्ट में जेल सुधार याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने सुधार नियमों में बदलाव करने के लिए 25.05.2018 को एक समिति का गठन किया था।

कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि मामले को विस्तार में पढ़ने और Lieutenant Governor को सुनने के बाद छह महीने के भीतर रिपोर्ट को कोर्ट में सौंपे। बता दें कि भारतीय केंद्र संघ ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि कोर्ट समिति को आदेश दे कि वे 3 महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करें।

इस पर अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने कोर्ट में बताया कि जेल सुधार रिपोर्ट को तैयार करने में कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही यह भी बताया कि इस तरह की रिपोर्ट में किन मुद्दों पर ध्यान देना पड़ता है। गौरव ने कोर्ट में मुश्किलों को सामने रखते हुए छह महीने का समय मांगा था। जिसपर कोर्ट ने राजी होते हुए समय दे दिया।

Prison Reforms: Attorney General, Mr. K.K. Venugopal की दलील

Prison Reforms: Attorney General, Mr. K.K. Venugopal
Prison Reforms: Attorney General, Mr. K.K. Venugopal

Attorney General, Mr. K.K. Venugopal ने भी कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि जेलें भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची नंबर 2 की प्रवेश 4 के दायरे में आती हैं। यह राज्य का मामला है। उन्होंने आगे कहा कि मैं पहले कह चुका हूं कि जेलें केंद्र नहीं बल्कि राज्य का मामला हैं।

K.K. Venugopal ने कोर्ट को समिति के गठन की तारीख 25.05.2018 याद दिलाते हुए कहा कि उस समय कोर्ट ने समिति को पहली रिपोर्ट 3 महीने के भीतर सौंपने के लिए कहा था और आखिरी रिपोर्ट 12 महीने के भीतर देने के लिए कहा था। K.K. Venugopal ने आगे 25.05.2018 को कोर्ट ने क्या-क्या कहा था, यह याद दिलाया।

Attorney General ने सुप्रीम कोर्ट में बहस करते हुए कहा कि समिति कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन नहीं कर रही है। समिति के गठन को 3 साल 5 महीने बीत गए हैं लेकिन अभी तक अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को नहीं सौंपी गई है।

Prison Reforms: जेल सुधार की क्यों है जरूरत

Prison Reforms:  Supreme Court
Prison Reforms: Supreme Court

उन्होंने आगे कहा कि हम समिति के गठन के पहले दिन से कह रहे हैं कि जेल सुधार का काम राज्यों का है। अब जब 3 साल 5 महीने गठन को हो गया है तो, कोर्ट समिति को आदेश दे कि 3 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाए।

Attorney General ने आगे कहा कि पिछले 2 साल में समिति ने 4 में से सिर्फ 2 रिपोर्ट ही पेश की है। ऐसे में और समय देने का मुझे कोई तर्क समझ नहीं आ रहा है।

भारत में जेल सुधार की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के 2020 के आंकड़ों के अनुसार भारत की जेलों में कुल 4,88,511 लाख से अधिक कैदी बंद हैं। इसमें 71 फीसदी कैदी Undertrial हैं। NCRB के 2015 के आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में कुल 17,834 महिला कैदी हैं। इसमें 66.8% कैदी Undertrial हैं। मूलभूत अधिकार, सुविधाएं जैसे कई अन्य मुद्दे शामिल हैं।

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