Life of Women in Tihar Jail: जेल जिसे धरती का नरक कहा जाता है। यहां पर कोई भी कभी नहीं जाना चाहता है। पर समय इंसान के सामने कुछ ऐसे हालात बना देते हैं कि उन्हें जेल के पीछे जाना पड़ता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के 2020 के आंकड़ों के अनुसार भारत की जेलों में कुल 4,88,511 लाख से अधिक कैदी बंद हैं। इसमें 71 फीसदी कैदी Undertrial हैं। NCRB के 2015 के आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में कुल 17,834 महिला कैदी हैं। इसमें 66.8% कैदी Undertrial हैं।
भारत में महिला कैदियों की हालत सबसे खराब है। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भारत की जेलों की तस्वीरें कई बार सामने आ चुकी हैं। ऐसे में तिहाड़ जेल में अपना लंबा सफर काट चुकी एक महिला कैदी ने Adv. Prashant Chaudhary को एसिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ की सच्चाई बताई है। Adv. Prashant Chaudhary Delhi High Court और District Court में Practice कर रहे हैं।
Life of Women in Tihar Jail: क्षमता से अधिक कैदी
तिहाड़ जेल में बुरे से बुरे अपराधियों के साथ वक्त गुजार चुकी महिला ने बताया कि जेलों में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है। कैसे पैसों वालों को बेहतर सुविधा मिलती है और गरीब कैदियों को जानवर बना दिया जाता है।
तिहाड़ जेल भारत की सबसे खतरनाक जेल है। कहते हैं यहां पर जाने वाला कैदी भागने की सोच भी नहीं सकता है। जेल में रहने वाले लोग सूरज, आसमान और पक्षियों से ही मुलाकात कर पाते हैं। यहां पर केवल एक महिला जेल नंबर 6 है, जहां महिला कैदियों को रखने की क्षमता 400 है पर 331 से अधिक महिला कैदी हैं। इन्हीं के बीच अपना वक्त गुजारने वाली मिष्टी (बदला हुआ नाम) बताती हैं जेल में महिलाओं की जिंदगी किसी जानवर से कम नहीं है।
Life of Women in Tihar Jail: हर बीमारी के लिए एक ही दवा
मिष्टी ने बताया कि जेल में एक बार अगर कोई चला गया तो वो बाहर की दुनिया से संपर्क नहीं कर सकता है। उसकी बात भी किसी से नहीं कराई जाती है। खाने के लिए तीन समय का खाना मिलता है जिसमें दाल चावल और रोटी है। रोटी पापड़ से भी बुरी होती है। दाल में नमक और पानी होता है। उन्होंने बताया कि जेल में चाय भी मिलती है लेकिन उसमें सिर्फ मीठा पानी होता है।
मिष्टी कहती हैं ऐसा नहीं है कि हमारी सरकार कैदियों के लिए खाना या फिर अन्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराती है, सरकार अपना काम करती है। पर वहां पर छोटे पदों पर बैठे अन्य अधिकारी इसे बेच देते हैं। ताकि लोग पैसा देकर अपने लिए अच्छा खाना मंगाए। जेल में अगर आप के पास पैसा है तो सब कुछ मिलेगा। वहां पर हर बीमारी का Paracetamol ही इलाज है। किसी को कोई भी तकलीफ क्यों न हो उसे बस Paracetamol ही दिया जाता है।
Life of Women in Tihar Jail: पुराने कैदी होते हैं जेल के राजा
मिष्टी आंखों में आंसू लिए कहती हैं जेल में एक ही जगह पर नहाना, खाना और सोना होता है। वहां पर हर छोटी- छोटी बात के लिए लड़ाई होती है। टीवी के लिए, चादर, खाना, कपड़ा हर बात के लिए लोग एक दूसरे का खून बहाते हैं। जेल में जेलर तो नाम के लिए रहती है। चलती पुराने कैदियों की है। जेलर तो अराम से बैठकर सोता है। पुराने कैदी आने वाले अन्य कैदी को प्रताड़ित करते हैं।
इन जेलों में अधिकतर महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें उनका जुर्म तक पता नहीं हैं। जैसे मुझे नहीं पता कि मैंने क्या किया है। घर वालों से बात करने के लिए मुश्किल से 30 मिनट का समय दिया जाता है। इस 30 मिनट के लिए बहुत रोना और गिड़गिड़ाना पड़ता है। वे कहती हैं कि लोगों को इसलिए भी बुरा खाना दिया जाता है जिससे वे पैसा देकर अपने लिए खाना मंगाए ताकि जेलरों को घूस खाने का मौका मिल सके।
महिला ने बताया अपना कसूर
मिष्टी अपनी जेल की दास्तां को सुनाते हुए कहती हैं कि मैं पश्चिम बंगाल की रहने वाली हूं। दिल्ली के एक होटल में नौकरी करती थी। कोरोना के कारण अचानक जॉब चली गई तो मैंने ऑनलाइन जॉब की तलाश की जिसमें कस्टमर का डाटा चेक कर के हेड को आगे देना होता था। मुझे काम करते हुए महज 10 दिन हुए थे। एक दिन अचानक ऑफिस पर रेड पड़ी और मुझसे कहा कि यह काम कानून जुर्म है और तिहाड़ जेल भेज दिया।
उन्होंने बताया, मेरे परिवार को कुछ नहीं पता था कि मैं कहां हूं। 4 दिन बाद मुश्किल से मैं अपने परिवार से संपर्क कर पाई तब जाकर उन्हें पता चला कि मैं जेल में बंद हूं। लॉकडाउन लगा था मेरे पिता जी पश्चिम बंगाल से बाइक चलाकर मेरे लिए दिल्ली आए। मिष्टी फफक कर रोते हुए कहती हैं कि मेरे परिवार को उस गलती का भुगतान करना पड़ा जिसके बारे में मुझे आज तक पता ही नहीं है।
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