Crude Oil Price Hike: रूस यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध का असर कच्चे तेल के दामों को भी प्रभावित कर रहा है। ब्रेंट क्रूड का दाम 117 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया है, जबकि कोयले से लेकर प्राकृतिक गैस और एल्युमीनियम तक सब कुछ के दामों में इजाफा हुआ है। जानकारों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण से हुआ है। बता दें कि इस पर फंड मैनेजर एएमपी में निवेश रणनीति के प्रमुख शेन ओलिवर ने कहा कि रूस यूरोप के लगभग 30% गैस और तेल आयात की आपूर्ति करता है और विश्व तेल उत्पादन का लगभग 11% हिस्सा रूस के जिम्मे है।
Crude Oil Price Hike: कच्चे तेल की कीमत 117 डॉलर प्रति बैरल
यूक्रेन रूस के बीच जंग से पहले कोरोना के असर से लोग ठीक तरह से उबरे भी नहीं है कि दूसरी तरफ पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़त की चिंता सताने लगी है। वहीं अब रूस और यूक्रेन के युद्ध का असर भारतीयों की जेब पर भी पड़ने वाला है। बता दें अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भयंकर उछाल के साथ कच्चे तेल की कीमत 117 डॉलर प्रति बैरल के पार हो गई है।
2014 के बाद कच्चे तेल की कीमत रिकार्ड स्तर पर
गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमत जून 2014 के बाद से सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। पिछले साल एक दिसंबर को कच्चे तेल की कीमत 68.87 डॉलर प्रति बैरल थी जो अब बढ़त के बाद 117 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। बताते चलें कि 2022 में कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत तक का इजाफा हो चुका है। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त का असर सीधे जनता के जेब पर पड़ता है। वहीं अगर भारत की बात करें तो अपनी जरुरत का 80 फीसदी कच्चा तेल दूसरी जगह से आयात करता है। आयात पर फर्क पड़ने से हर चीज महंगी होने की संभावना है।
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