Air India: देश की मशहूर उड्डयन सेवा एयर इंडिया मंगलवार को इलकर आयसी के नाम से दोबारा सुर्खियों में बनी रही। दरअसल इलकर आयसी (Ilkar Ayaci) ने टाटा संस के एअर इंडिया के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। टाटा संस (Tata Sons) ने बीते 14 फरवरी को एअर इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में इल्कर आयसी को नियुक्त किया था।
उन्हें 1 अप्रैल, 2022 को या उससे पूर्व ही अपनी जिम्मेदारियों को संभालना था। मालूम हो कि हाल ही में टाटा संस ने एअर इंडिया को खरीदा था। टाटा की ओर से तुर्की एयरलाइंस (Tukeis Airline) के पूर्व अध्यक्ष इलकर आयसी की नियुक्ति को मंजूरी दी गई थी, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने एयर इंडिया के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
Air India: 14 फरवरी को हुई थी आयसी के नाम की घोषणा
गौरतलब है, बीती 14 फरवरी को टाटा संस ने एयर इंडिया के सीईओ के रूप में आयसी की नियुक्ति की घोषणा की थी। इस फैसले के बाद आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने कहा था, कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इलकर आयसी की नियुक्ति को मंजूरी नहीं देनी चाहिए।
इसके बाद से ही इलकर आयसी पर जांच की तलवार लटकी हुई थी। जानकारी के अनुसार भारत में अहम पदों पर नियुक्ति से पूर्व सभी विदेशी नागरिकों की पृष्ठभूमि का परीक्षण किया जाता है। ऐसे में आयसी के मामले में भी ऐसा ही होना था।जानकारी के अनुसार आयसी तुर्की के राष्ट्रपति तईप एर्दोगन के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं, जिन्हें पाकिस्तान का सहयोगी माना जाता है। ये मामले भी उनके इनकार की वजह हो सकते हैं।
इस्तांबुल से रहा है आयसी का गहरा नाता
गौरतलब है कि 51 वर्षीय इलकर आयसी का जन्म 1971 में इस्तांबुल में हुआ था। उन्हें साल 2015 में टर्किश एयरलाइन का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। 26 जनवरी 2022 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बैठक में गहन विचार-विमर्श के बाद अब उन्हें एयर इंडिया की कमान सौंपी गई। उन्होंने 1994 में बिल्केंट यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल साइंस एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में अपनी पढ़ाई पूरी की है। वर्ष 1995 में उन्होंने इंग्लैंड की लीड्स यूनिवर्सिटी में पॉलिटिक साइंस पर एक रिसर्च प्रोजेक्ट किया था और उसके 1997 में उन्होंने इस्तांबुल की मरमारा यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस मास्टर प्रोग्राम पूरा किया।
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