Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ की तहसील बूढ़नपुर के हड़ताली वकीलों के खिलाफ यूपी बार काउंसिल को कार्रवाई करने का निर्देश दिया, ताकि हाईकोर्ट द्वारा 10 जनवरी 2020 को पारित आदेश का अनुपालन हो सके। कोर्ट ने तहसीलदार को राजस्व संहिता के अंतर्गत विचाराधीन विवाद की सुनवाई कर 4 माह के अंदर करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हरसंभव प्रयास कर केस तय किया जाए। कोर्ट ने कहा है कि पिछले 2 वर्ष से अधिवक्ता आंदोलनरत हैं, उन्होंने न्यायिक कार्य नहीं किया है।
Allahabad HC: 2 साल से न्यायिक कार्य अवरूद्ध
गौरतलब है कि बूढ़नपुर तहसील के वकीलों ने 5 फरवरी 2020 से 5 जनवरी 2022 तक लगातार न्यायिक कार्य नहीं किया। यहां तक कि तहसील के तकरीबन 70 से अधिक वकीलों ने न्यायिक कार्य की कार्रवाई जारी नहीं रहने दी। कोर्ट ने लगातार न्यायिक कार्य से दूर रहने वाले वकीलों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया, ताकि न्यायिक कार्य बाधित न हो और कोर्ट की ओर से जारी आदेशों का पालन हो सके।
Allahabad HC: बाध डालने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई
कोर्ट का कहना था, कि अगर वकील काम न करें, तो वादकारी को सुनकर आदेश दिया जाए। काम में बाधा डालने पर पुलिस बल की सहायता से कार्रवाई की जाए। ये आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने आजमगढ़ के ओमप्रकाश की अवमानना याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए दिया।
बुढ़नपुर तहसील के तहसीलदार शक्ति सिंह के खिलाफ अदालत के आदेश का अनुपालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी। कहा गया था कि 10 जनवरी 2020 को हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश के बाद भी तहसीलदार ने दाखिल वाद का निपटारा नहीं किया।
कोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान ऑर्डर शीट और पत्रावली को देखने के बाद पाया कि, बुढ़नपुर में 70- 75 वकील तहसीलदार के विरोध में दो साल से कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। वे न्यायिक कार्य नहीं होने देते। कोर्ट ने पाया कि वकील 5 फरवरी 2020 से 5 जनवरी 2022 तक लगातार न्यायिक कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में तहसीलदार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही नहीं चलाई जा सकती।
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