अपनी इजरायली यात्रा के आखिरी दिन पीएम मोदी सागर किनारे बसे शहर हाइफा पहुंचे। यहां पर पीएम मोदी ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ जीप में बैठ कर समुद्र की सैर की। दिलचस्प बात यह रही कि इस दौरान नेतन्याहू खुद जीप को चला रहे थे और दोनों नेता नंगे पांव थे। इससे पहले दोनों नेताओं ने समुद्र के किनारे नंगे पांव रहकर कुछ देर के लिए चहलकदमी भी की।
इस दौरान दोनों नेता सागर के खारे पानी को तुरंत शुद्ध करके पीने लायक बनाए जाने वाले प्लांट और मशीनों को देखने भी गए। बता दें कि इजरायल ने वाटर मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी में काफी काम किया है और इस वक्त उसके पास दुनिया की सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी है। इजरायल ने आपदा प्रभावित इलाकों और समुद्र के पानी को पीने लायक बनाने के लिए इस तकनीक को इजाद किया है। वाटर ट्रीटमेंट साइट पर अफसरों ने मोदी को वाटर मैनेजमेंट, ट्रीटमेंट और प्युरिफिकेशन के बारे में बताया और पीएम मोदी ने खारे पानी से तुरंत शोधन किए जाने वाले पानी को ग्रहण भी किया। गौरतलब है भारत ने इस तकनीक के लिए इजरायल से करार भी किया है।
पीएम मोदी ने दी भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि
इससे पहले पीएम मोदी में यहां शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, जो प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की के ऑटोमान साम्राज्य के खिलाफ लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हुए थे। भारतीय जवानों ने तुर्की के खलीफा के खिलाफ लड़ते हुए इस समुद्री शहर हाइफा की हिफाजत की थी। हाइफा पर कब्जे के लिए एक तरफ तुर्की और जर्मनी की सेना तो दूसरी तरफ अंग्रेजों की तरफ से हिंदुस्तान के तीन रियासतों मैसूर,हैदराबाद और जोधपुर की सेना थी। भारतीय सेना ने जांबाजी का परिचय देते हुए सीमित संसाधनों के बावजूद भी यह जंग जीत ली थी। यह जीत इसलिए और अधिक खास थी क्योंकि भारतीय सैनिकों के पास सिर्फ घोड़े की सवारी, लेंस (एक प्रकार का भाला) और तलवारों के हथियार थे जबकि तुर्की सैनिकों के पास अत्याधुनिक बारूद और मशीनगन थी। इस जंग में कुल 44 भारतीय सैनिक शहीद हुए, जिनकी यहां समाधियां बनी हुई है।