ब्रिटेन में अलगाववादियों को उत्पात मचाने की खुली छूट? एस जयशंकर की सुरक्षा चूक पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया

0
6
ब्रिटेन में अलगाववादियों को उत्पात मचाने की खुली छूट?
ब्रिटेन में अलगाववादियों को उत्पात मचाने की खुली छूट?

विदेश मंत्री एस जयशंकर की हालिया ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक का एक गंभीर मामला सामने आया। लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने उनकी गाड़ी को घेरकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठने लगे। इस घटना को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और ब्रिटिश सरकार से दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की। विदेश मंत्रालय ने इस मामले को ब्रिटेन में अलगाववादी ताकतों को मिली ढील का नतीजा बताया।

जयशंकर की सुरक्षा में चूक पर भारत का कड़ा रुख7 मार्च 2025 को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉरीशस दौरे की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने लंदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में हुई चूक पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में अलगाववादी ताकतों को उत्पात मचाने की खुली छूट मिल रही है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी चिंता का विषय है।

विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रियाविदेश मंत्रालय ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ब्रिटेन की सरकार खालिस्तान समर्थकों की धमकियों और हिंसक गतिविधियों पर उदासीन बनी हुई है। मंत्रालय के अनुसार, “ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलगाववादी ताकतों को ब्रिटेन में धमकी देने और राजनयिक कार्यों में बाधा डालने का लाइसेंस मिल गया है। यह न केवल राजनयिक नियमों का उल्लंघन है बल्कि दोनों देशों के संबंधों के लिए भी हानिकारक है।”

भारत ने ब्रिटेन से आग्रह किया कि वह इस घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे और सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

यूके सरकार का बयानभारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद, ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की निंदा करते हुए बयान जारी किया। ब्रिटेन ने कहा, “हम विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा के दौरान चैथम हाउस के बाहर हुई घटना की कड़ी निंदा करते हैं। यूके शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का समर्थन करता है, लेकिन किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम को डराने, धमकाने या बाधित करने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है।”

ब्रिटिश सरकार के इस बयान के बावजूद भारत इस मुद्दे पर पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिख रहा है। भारत चाहता है कि ब्रिटेन इस मामले में ठोस कार्रवाई करे और अलगाववादियों को दी जा रही छूट को समाप्त करे।

पीएम मोदी का मॉरीशस दौराइस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11-12 मार्च को मॉरीशस के दौरे पर जाएंगे। वे वहां के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस दौरान वे मॉरीशस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। साथ ही, भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी इस राष्ट्रीय समारोह में भाग लेगी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में चूक के मामले ने भारत-ब्रिटेन संबंधों में एक नया मोड़ ला दिया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा। अब देखना यह है कि ब्रिटिश सरकार इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाती है और क्या उचित कदम उठाती है।