ब्रिटेन की मौजूदा प्रधानमंत्री थेरेसा मे के उद्घोषणा के बाद नए प्रधानमंत्री चुनने के लिए कल हुए मतदान के बाद आज नतीजों का ऐलान भी हो चुका है। लेकिन यह दांव थेरेसा पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। एग्जिट पोल में आगे चल रही थेरेसा की पार्टी नतीजों में पिछड़ गई है। चुनावों के लिए यह उद्घोषणा 52 दिन पहले ही कर दी गई थी और इसके लिए कल मतदान हुआ था।

ब्रिटेन की कुल 650 सीटों में से अभी तक आए नतीजों के अनुसार प्रधानमंत्री थेरेसा मे की कंजरवेटिव पार्टी को 310, लेबर पार्टी को 258 और लिबरल डेमोक्रेट को 12 सीटों पर जीत मिल चुकी है। स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) को 34 सीटों पर जीत मिली है। इस लिहाज से ब्रिटेन के मध्‍यावधि चुनावों में किसी को भी स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिला है। साल 2015 में हुए चुनावों में कंजरवेटिव पार्टी को 331 सीटों पर जीत मिली थी।

नतीजों के बाद लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की है लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि वो ब्रिटेन में स्थायित्वसुनिश्चित करेंगी।

इस चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री थेरेसा मे और विपक्षी नेता जेर्मी कोर्बिन में से किसी एक के हाथ में देश की कमान सौंपने का फैसला करने के लिए ब्रिटेन में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ था। मतदान पूरा होने के एक घंटे के भीतर ही नतीजे आने शुरू हो गए थे।

इन चुनावों में तीन भारतीय मूल के लोगों ने जीत दर्ज की है। भारतीय मूल की प्रीत कौर गिल बर्मिंघम से चुनाव जीत गई हैं। वहीं भारतीय मूल के ही सिख तनमनजीत सिंह धेसी भी स्‍लॉ से चुनाव जीत गए हैं। प्रीत कौर जहाँ चुनाव जीतने वाली पहली सिख महिला बन गई हैं वहीं तनमनजीत चुनाव जीतने वाले पहले पगड़ीधारी सिख सांसद बन गए हैं दोनों ही लेबर पार्टी के नेता हैं। प्रीती ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 6,917 वोटों से हराया। जबकि तनमनजीत सिंह ने भी 17 हज़ार मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। चुनाव जीतने के बाद प्रीती ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि एजबेस्‍टन से सांसद बनने का मौका मिला क्‍योंकि मेरा  जन्‍म और परवरिश यहीं हुई है। इन दोनों के अलावा भारतीय मूल के कीथ वाज ने लीसेस्‍टर ईस्‍ट से जीत हासिल की है।

बता दें कि इस चुनाव में कुल 4.6 करोड़ मतदाता शामिल हुए हैं। इसमें 15 लाख मतदाता भारतीय मूल के हैं। जैसा कि हमें मालूम है कि हाल ही में इस देश ने दो आतंकी हमलों को झेला इसी को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया था।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने से जुड़ी पेचीदा बातचीत से पहले ही इन चुनावों को करवा लिया है। साठ साल की थेरेसा मे ने निर्धारित समय से तीन साल पहले ही चुनावों का आह्वान कर दिया था।

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