PM Modi Security Breach: पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले (PM Modi Security Breach) में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में कहा, “राज्य और केंद्र सरकार के बीच वाकयुद्ध कोई समाधान नहीं है। यह ऐसी स्थिति में एक मजबूत सुरक्षा तंत्र की आवश्यकता को कम कर सकता है।” सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पीएम सुरक्षा चूक की जांच के लिए स्वतंत्र समिति सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व में जांच करेगी।
PM Modi Security Breach मामले में समिति इन सवालों के जवाब तलाशेगी:
- पीएम की सुरक्षा में हुई चूक की वजह क्या थी?
- चूक के जिम्मेदार कौन थे और उनकी जिम्मेदारी किस हद तक थी?
- पीएम और बाकी की सुरक्षा के लिए क्या ज़रूरी सेफगार्ड होने चाहिए?
- आगे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या सुझाव हैं?
- कोर्ट ने समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।
PM Security Breach: 10 जनवरी को अदालत ने पंजाब सरकार की समिति पर रोक लगा दी थी
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 10 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी जिसके नाम की घोषणा हम विस्तृत आदेश में जारी करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि इस समिति में NIA के अधिकारी और पंजाब सरकार के अधिकारी भी शामिल होंगे।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि जब तक कोर्ट द्वारा गठित समिति अपनी रिपोर्ट कोर्ट को नहीं सौंपती केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा इस मामले की जांच के लिए बनाई गई समितियां जांच नहीं करेंगी।
PM Security Breach: प्रधानमंत्री का दौरा सुरक्षा कारणों से हुआ था रद्द
गौरतलब है कि 5 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने पंजाब के फिरोजपुर में होने वाली रैली को रद्द कर दिया था। इस मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि यह दुख की बात है कि पंजाब के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए पीएम का दौरा बाधित हो गया… राज्य पुलिस को लोगों को रैली में शामिल होने से रोकने के निर्देश दिए गए…मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन पर बात करने या इसे हल करने से इनकार कर दिया था।
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