Allahabad High Court ने Oppo Company के निदेशक Mohinder Singh Malik व प्रबंधक Sanjay Goyal के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। दरअसल इन दोनों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा में FIR दर्ज थी। साथ ही कोर्ट ने विपक्षी शिकायतकर्ता बसु भाटी को नोटिस जारी कर उनसे FIR पर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह फैसला याचिकाकर्ता संजय गोयल की याचिका पर दिया है।
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इस मामले में शिकायतकर्ता बसु भाटी ने ओप्पो कंपनी के निदेशक व प्रबंधक के खिलाफ गौतम बुद्ध नगर जिले के Knowledge Park थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। FIR में कहा गया था कि शिकायतकर्ता ने Oppo F-11 Brand का मोबाइल जुलाई 2019 में खरीदा था। और यह मोबाइल सितम्बर 2020 में उसकी जेब में ही फट गया। मोबाइल के जेब में फट जाने से वह बुरी तरह घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना की सूचना मिलने से उसकी दादी को हार्ट अटैक पड़ा और उनकी मौत हो गई।
Oppo Company के निदेशक के खिलाफ कोई केस नहीं बनता
याचिका में बहस के दौरान ओप्पो कंपनी के वकील की ओर से यह बात रखी गई कि कम्पनी के निदेशक व प्रबंधक के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। शिकायतकर्ता को अपनी बात रखने के लिए जिला उपभोक्ता फोरम या सिविल कोर्ट में जाना चाहिए था।
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बहस में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने रवीन्द्र नाथ बाजपे केस में कहा है कि कम्पनी के उत्पाद की खामी के लिए निदेशक व प्रबंधक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। जब तक कि उनके खिलाफ व्यक्तिगत लांछन न लगा हो। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया कानून के प्रक्रिया के दुरूपयोग का मामला लगता है।
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