Covovax के Emergency इस्तेमाल को WHO ने दी मंजूरी

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WHO Novavax
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WHO ने शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के बनाये गये Covovax को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। Covovax कोविड-19 वैक्सीन का वर्जन है, जिसे Adar Poonawalla की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाया है।

इस मामले में WHO ने जानकारी देते हुए कहा, “आज, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने NVX-CoV2373 के लिए एक इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) जारी की, जिसमें SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ WHO मान्यता प्राप्त टीकों के समूह का विस्तार किया गया। कोवोवैक्स नाम की वैक्सीन, नोवावैक्स के लाइसेंस के तहत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा तैयार की गई है और यह COVAX फैसिलिटी पोर्टफोलियो का हिस्सा है, जो निम्न-आय वाले देशों में ज्यादा लोगों को वैक्सीनेशन के लिए चल रही कोशिशों काफी बढ़ावा देगा।”

Adar Poonawalla ने इस मंजूरी को मील का पत्थर बताया

वहीं WHO से मिली मंजूरी के बाद सीरम इंस्टीट्यूट के Adar Poonawalla ने ट्वीट कर कहा, ‘यह कोरोना के ख़िलाफ़ हमारी लड़ाई में एक और मील का पत्थर है, कोवावैक्स अब डब्ल्यूएचओ से आपात इस्तेमाल के लिए मंजूर है। इसने उत्कृष्ट सुरक्षा और प्रभावकारिता दिखाई है।’

जानकारी के मुताबिक WHO के टीके कार्यक्रम से जुड़ीं मरियांजेला सिमाओ ने कहा कि नए वैरिएंट के उभरने के साथ टीके लोगों को गंभीर बीमारी और कोरोना से होने वाली मौतों से बचाने के लिए सबसे प्रभावी उपकरणों में से एक हैं।

WHO ने बताया 98 देशों में वैक्सिनेशन 40 फीसदी के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचा है

मरियांजेला सिमाओ ने कहा Emergency लिस्टिंग का उद्देश्य विशेष रूप से कम आय वाले देशों में पहुंच बढ़ाना है, जिनमें से 41 ऐसे देशे हैं, जो अभी भी अपनी आबादी का 10 प्रतिशत वैक्सीनेशन नहीं कर पाए हैं, जबकि 98 देशों में वैक्सिनेशन 40 फीसदी के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचे हैं।

मालूम हो कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ Adar Poonawalla ने 25 जून को कहा था कि सीरम इंस्टिट्यूट ने कोवोवैक्स के पहले बैच का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है, जो नोवावैक्स द्वारा विकसित एक Covid-19 वैक्सीन है।

मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बीते नवंबर में भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गयी कोवैक्सीन (COVAXIN) को भी आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल किया था। जिसके बाद से कोवैक्सीन सर्टिफिकेट को विदेशों में भी मान्यचा मिल गई थी। उससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने 26 अक्टूबर को भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन पर समीक्षा बैठक की थी और कंपनी से इस वैक्सीन की ज्यादा जानकारी देने की मांग की थी।

कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए WHO की एक तकनीकी सलाहकार समूह है जो दुनियाभर में खोजे जा रहे इस महामारी के के वैक्सीन को पूरी जांच के बाद अपनी मंजूरी देती है। तकनीकी सलाहकार समूह की समीक्षा के बाद जानकारी दी जाती है कि वैक्सीन संगठन के मानकों पर खरी उतरी है या नहीं। अगर वैक्तीसीन सभी मानकों को पूरा करती है तो WHO उसे अपनी मंजूरी प्रदान कर देता है। जिसके बाद वैक्सीन पूरे विश्व में इस्तेमाल की जा सकती है। 

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