Chhattisgarh News: बस्तर के सुदूर क्षेत्र के गोंडियापाल में आदिवासी बालक आवासीय छात्रावास है। जो 50 सीटर का है। लेकिन अभी भी शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से छात्र वंचित हैं। बालक आश्रम छात्रावास पिछले 10 सालों से संचालित हो रहा है इसके बावजूद बच्चों के लिये आज तक शौचालय नहीं बन पाया है। छात्रावास में शौचालय न होने के कारण छात्र को खुले में बाहर शौच करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जहरीले कीड़े-मकोड़े का भी डर
छात्रावास में शौचालय की सुविधा न होने के कारण रात्रि के समय छात्रों को जहरीले कीड़े-मकोड़े का भी डर बना रहता है। शासन के द्वारा छात्रावास में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन यहां नियमित साफ-सफाई न होने के कारण गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इसके बाद भी छात्रावास में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। साथ ही 1 वर्ष पहले नवनिर्मित आश्रम भवन निर्माण हैंड ओवर नहीं किया गया है जिसके चलते बच्चे अभी भी पुराने भवन में रहने को मजबूर हैं। वहीं विभागीय अधिकारी को संपर्क साधा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया और वो किसी भी प्रश्न पर जवाब देने से बचते नजर आए।
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