अवैध तरीके से जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का परिवार हमेशा ही सुर्खियों में रहा है और समय-समय पर अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठलाता भी रहा है। काफी लंबे अर्से से सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा भी जमीनी विवाद में घिरे हुए हैं। अब ऐसे ही एक मामले में जांच के लिए गठित ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट में प्रियंका वाड्रा का भी नाम सामने आया है।
गौरतलब है कि 2006 में फरीदाबाद के गांव अमिपुर में खेती योग्य 5 एकड़ जमीन को प्रियंका गांधी ने 15 लाख रुपए में खरीदा था, जिसके बाद 2010 में चार गुना से भी ज्यादा मुनाफे के साथ 80 लाख रुपए में बेच दिया था। प्रियंका गांधी पर आरोप था कि 2006 में खरीदी गई जमीन उन्होंने पति रॉबर्ट वाड्रा के गैरकानूनी ढंग से ज़मीन के जरिए कमाए गए पैसों से खरीदी थी।
इन आरोपों को खारिज करते हुए प्रियंका ने दो टूक कहा कि उनके द्वारा खरीदी गई जमीन का उनके पति के पैसों या उनकी स्काईलाइट कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह जमीन उन्होंने दादी इंदिरा गांधी से विरासत में मिली संपत्ति के किराए की आय से खरीदी थी। प्रियंका ने सफाई देते हुए बयान जारी किया कि यह उनकी छवि खराब करने के लिए एक राजनीतिक साजिश है।
बता दें कि हरियाणा में जिस वक्त कांग्रेस सरकार थी तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राज काज में गांधी परिवार ने बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीददारी की थी। जिसकी वजह से गांधी परिवार जांच के कटघरे में रहा है। इन्ही लैंड डील के मसलों की जांच के बाबत 2015 में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने ढींगरा कमीशन का गठन किया था और इसी गठन की जांच के दौरान रॉबर्ट वाड्रा के जमीनी मामलों की पोल खुली थी।