BJP ने पंजाब चुनाव (Punjab Elections) से पहले एक बड़े नेता को अपने खेमे में किया है, लेकिन पार्टी के पूर्व सहयोगी अकाली दल को एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। दरअसल, अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) आज केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए। पंजाब में होने वाले चुनावों के लिए बीजेपी की रणनीति कांग्रेस और अकाली दल के असंतुष्ट नेताओं को अपनी ओर करने की है जिससे कि पार्टी राज्य में अपनी उम्मीदों को मजबूत कर सके। गौरतलब है कि बीजेपी पंजाब में अब तक अकाली दल की सहयोगी की भूमिका निभाती आई है।
अकाली दल के लिए एक बड़ा झटका
बीजेपी का कहना है कि वह पंजाब में सिरसा जैसे कई जाट सिख नेताओं के संपर्क में है। सिरसा का जाना अकाली दल के लिए एक बड़ा झटका है, जो पंजाब में खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहा है। 2017 में अकालियों ने कांग्रेस से मिली हार के बाद सत्ता गंवा दी थी। बता दें कि सिरसा को सुखबीर सिंह बादल का करीबी माना जाता रहा है। दिल्ली के पूर्व विधायक सिरसा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने एक साल से अधिक समय तक राजधानी के बाहर सड़कों पर डेरा डालने वाले प्रदर्शनकारी किसानों के लिए नियमित रूप से लंगर की व्यवस्था भी की है।
बीजेपी कर रही है डैमेज कंट्रोल
इससे पहले सिरसा को तब आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले साल दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज में सिरोपा (सिखों के लिए सम्मान का वस्त्र) से सम्मानित किया गया था। सिरसा ने बीजेपी का दामन ऐसे वक्त में थामा है जब कांग्रेस छोड़ चुके अमरिंदर सिंह ने अपनी खुद की पार्टी बनाई है और खुले तौर पर बीजेपी के साथ गठजोड़ पर काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार हाल ही में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डैमेज कंट्रोल कर रही है।