Allahabad High Court ने आयुष विभाग के प्रमुख सचिव को आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग पर दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि 31 मई 2017 की अधिसूचना से सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 62 वर्ष कर दी है। जिसका लाभ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को नहीं दिया जा रहा है। याचिकाकर्ता 30 नवंबर 2021 को सेवानिवृत्त होने जा रहा है और उसने अपनी नौकरी की अवधि 30 नवंबर 2023 तक करने की मांग की है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को याचिकाकर्ता को दो सप्ताह में प्रत्यावेदन देने और दो माह में उसे निर्णीत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने डाॅ त्रिलोकी सिंह यादव की याचिका पर दिया है।
18 जून 1988 को हुई थी नियुक्ती
Allahabad High Court में इस मामले में डाॅ त्रिलोकी सिंह यादव ने 31 मई 2017 की अधिसूचना को लेकर याचिका दायर की थी। यादव की याचिका पर कोर्ट में उनका पक्ष अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने रखा। इनका कहना था कि याचिकाकर्ता को 18 जून 1988 को चिकित्सा अधिकारी के पद पर तदर्थ रूप से नियुक्त किया गया और 30 अप्रैल 2005 को उसे नियमित कर दिया गया। सरकार ने चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 62 वर्ष कर दी है। याचिकाकर्ता ने प्रत्यावेदन दिया है जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
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