Allahabad High Court ने बच्चे के साथ ओरल सेक्स को गंभीर यौन अपराध मानने से किया इंकार, दोषी की सज़ा की कम

0
391
Allahabad High Court
Allahabad High Court

Allahabad High Court ने बच्चे के साथ ओरल सेक्स को गंभीर यौन अपराध मानने से इंकार किया है। कोर्ट ने निचली अदालत से मिली सजा के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान दोषी की सजा 10 से कम कर 7 साल की। साथ ही दोषी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

बच्चे के साथ ओरल सेक्स गंभीर यौन अपराध नहीं- कोर्ट

कोर्ट ने बच्चे से ओरल सेक्स को पॉक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत दंडनीय माना, लेकिन कहा कि यह एग्रेटेड पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट (गंभीर यौन हमला नहीं) है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले में पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और 10 के तहत सजा नहीं सुनाई जा सकती। बता दें कि निचली अदालत ने याची को धारा 377, 506 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी करार दिया था।

हाईकोर्ट के सामने सवाल यह था कि क्या नाबालिग से ओरल सेक्स पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 या 9/10 के दायरे में आएगी? फैसले में कहा गया कि यह दोनों धाराओं में से किसी में भी नहीं आएगा, कोर्ट ने कहा यह पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध है।

सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो अधिनियम, झांसी के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। सोनू कुशवाहा के खिलाफ दस वर्ष के बच्चे से ओरल सेक्स का आरोप था। जस्टिस अनिल कुमार ओझा की एकलपीठ ने सोनू कुशवाहा की अपील पर आदेश दिया।

यह भी पढ़ें: Allahabad High Court ने जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में आरोपी महिला को दी जमानत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here