आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) में शुक्रवार को आयोजित एक घोष शिविर में कहा कि हमे किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करना है बल्कि सीखना है जीने का तरीका। राष्ट्रीय स्वंय सेवक के मुखिया मोहन भागवत ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए लगातार आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें दुनिया को बताना है क हम भारत की मिट्टी में पैदा हुए हैं। बिना किसी की पूजा पद्धति को बदले अच्छा इंसान बनने का हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
अपने धर्म के प्रति अडिग रहना है-Mohan Bhagwat
अपने सम्बोधन में मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने कभी किसी का बुरा नहीं किय। भारत ने और देशों में जाकर कभी किसी को नहीं बदला। हमने किसी पर पूजा पद्धति नहीं थोपी। यहाँ घट-घट में राम हैं। साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में धर्मांतरण के विषय में बोलते हुए लोगों को अपने धर्म के प्रति अडिग रहने और किसी के झाँसे में न आने के लिये प्रेरित किया।
भागवत ने कहा पूरी दुनिया को अच्छा सबक देने के लिए भारत की धरती पर जन्म लिए हैं। हमें किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करना है। बस अच्छा इंसान बनना है।
पूरी दुनिया परिवार है-Mohan Bhagwat
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार मोहन भागवत ने कहा कि हमें भारत को और बेहतर बनाना है। इसकी व्यवस्था को अगर कोई बिगाड़ने की कोशिश करता है तो यह अच्छी बात नहीं है। ऐसे हालात में देश को तय करना होगी कि उसे क्या करना है।
मोहन भागवत ने कहा कि हम पूरी दुनिया को अपना परिवार मानते हैं। महज भारत ही ऐसा देश है जो पूरी दुनिया को परिवार मानता है। यह हमे साबित भी करना है। उन्होंने कहा कि दुनिया में गुणों का विकास होता है। यह बात सभी को समझे की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह देश अपने पन की, जातपात की, धर्म को एक साथ रहना सिखाता है। बिना भेदभाव किए एक साथ रहते हैं। हमारा धर्म सबको अपना मानता है। जीने का तरीका सिखाता है। अच्छा व्यवहार सिखाता है।
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