UP Election 2022 से पहले ही समाजवादी पार्टी अपने दावपेंच आजमाने लगी है। अखिलेश यादव एक तरफ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से भी पिछले चुनाव में मिली हार का हिसाब चुकता कर रहे हैं।
आज समाजवादी पार्टी में उस वक्त नया उत्साह आ गया जब बसपा के 6 बागी विधायकों ने अखिलेश यादव की सपा का दामन थाम लिया।
अखिलेश यादव ने इस मौके पर योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए तंज कसा कि भाजपा उप्र में अपने ‘चार सौ तीन’ मुख्यमंत्री भी घोषित कर दे तो भी जनाक्रोश के डर से उसे ‘चार से तीन’ टिकट मांगनेवाले भी न मिलेंगे। जो भाजपा साफ़ दिख रही है हारती उसको भला कैसे मिलेंगे ‘टिकटार्थी’भाजपा से त्रस्त उप्र की जनता भाजपा को एक-एक वोट के लिए तरसा देगी।
मायावती के साथ-साथ अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को भी झटका देते हुए उनके एक विधायक को अपने पाले में कर लिया। जानकारी के मुताबिक सीतापुर से भाजपा विधायक राकेश राठौर ने भी पार्टी को छो़ड़ दिया है और अब वो भी अखिलेशवादी हो गये।
इतनी बड़ा संख्या में दूसरे दलों के विधायकों का सपा में आना अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी जीत है। सभी विधायकों को सपा की सदस्यता दिलवाने के लिए अखिलेश यादव खुद लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में उपस्थित रहे।
अखिलेश यादव ने कहा कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री को अपना नारा बदलना पड़े। मेरा परिवार भाजपा परिवार की जगह हो सकता है कि वह कर दें कि मेरा परिवार भागता परिवार। बहुत लोग आना चाहते हैं, अपने-अपने गोल के साथ। जन आक्रोश इतना है कि आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सफाया होगा।
बहुजन समाज पार्टी के जिन विधायकों ने सपा का हाथ थामा है, उनके नाम हैं। श्रावस्ती के भिनगा से असलम राईनी, हापुड़ के ढोलना से असलम अली, प्रयागराज के प्रतापपुर से मुज्तबा सिद्दीकी, प्रयागराज के हंडिया से हाकिम लाल बिंद, सीतापुर के सिधौली से हरगोविंद भार्गव और जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से सुषमा पटेल।
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