जिगारो कानो (Kanō Jigorō) का आज जन्मदिन है। इन्हें जूडो (Judo) का जन्मदाता कहा जाता है। डॉ. जिगारो कानो (Dr. Jigoro Kano) को उनके 61वें जन्मदिवस पर सर्च इंजन गूगल ने डूडल (Search Engine Google Doodle) बनाकर खास अंदाज में याद किया है। इन्हें जापान (Japan) में जूडो के पिता के रूप में जाना जाता है। डॉ. जिगारो कानो ने बुली से परेशान होकर जूडो की शरुआत की थी जिसे आज दुनियाभर में जाना जाता है।
1860 में हुआ था जन्म
बता दें आज के इस खास डूडल को लॉस एंजिल्स के कालाकार सिंथिया युआन चेंग ने बनाया है। जिसमें उन्होंने कानो के जूडो के पोज में कई तस्वीरों को शामिल किया है। जूडो का अर्थ होता है, “सौम्य तरीका।”
जिगारो कानों का जन्म ह्युगो जापान में 28 अक्टूबर 1860 में हुआ था। 11 साल की उम्र में वें अपने पिता के साथ टोक्यो चले गयें। जूडो के जन्मदाता होने के अलावा डॉ. कानों प्रोफेसर और गाकूश्इन स्कूल के हेड मास्टर थे। उन्होंने मार्शल आर्ट को एक ऐसे खेल के रूप में पहचान दी जो लोगों को न्याय, शिष्टाचार, सुरक्षा और शील के सिद्धांतों को एक साथ लाता है।
1960 में जूडो को आधिकारिक तौर पर एक ओलंपिक खेल के रूप में स्वीकार किया गया
जूडो का इस्तमेला फन और मस्ती के लिए नहीं कर सकते हैं। इसका अपयोग न्याय, शिष्टाचार, सुरक्षा और शील के सिद्धांतों के लिए ही किया जा सकता है। कानो ने मार्शल आर्ट को लोगों को एक साथ लाने के लिए विकसित किया था। चाहे यह दिखने में हिंसक ही क्यों न हो।
डॉ. जिगारो कानों ने 1882 में अपना डोजो (एक मार्शल आर्ट जिम), टोक्यो में कोडोकन जूडो संस्थान खोला, जहां वह सालों तक जूडो को आगे बढ़ाते रहें। उन्होंने 1893 में महिलाओं का इस खेल में स्वागत किया।1909 में कानो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के पहले एशियाई सदस्य बने और 1960 में जूडो को आधिकारिक तौर पर एक ओलंपिक खेल के रूप में स्वीकार किया गया।
8 स्लाइड बनाकर किया याद
गूगल डूडल ने डॉ. जिगारो कानो को उनके 161वें जन्मदिन पर अपना डूडल समर्पित किया है। इस डूडल में जूडो की सारे पोज साफ दिख रहे हैं। जूडो के जन्मदाता को याद करने के लिए गूगल ने अपने डूडल में 8 स्लाइड शामिल किया है।
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