KUMBH 2025: महाकुंभ की तैयारियों में जुटी योगी सरकार, श्रद्धालुओं के लिए यातायात-पार्किंग से लेकर ई-रिक्शा और शटल बस की सुविधा

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KUMBH 2025: प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन के लिए योगी सरकार द्वारा की जा रही तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। योगी सरकार की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को न सिर्फ महाकुंभ का आध्यात्मिक आनंद मिले, बल्कि उनकी यात्रा भी आसान और सुविधाजनक हो। महाकुंभ 2025 के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के देशभर से प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 7 प्रमुख मार्ग चिह्नित किए हैं। इन मार्गों पर यातायात के सुगम प्रवाह के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी अवरोध के कुंभ नगरी तक पहुंच सकें। महाकुंभ 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 महाशिवरात्रि तक चलेगा।

जिन 7 प्रमुख मार्गों को चिन्हित किया गया है उसमें जौनपुर मार्ग से 21 प्रतिशत, वाराणसी मार्ग से 16 प्रतिशत, मिर्जापुर मार्ग से 12 प्रतिशत, रीवां मार्ग से 18 प्रतिशत, कानपुर मार्ग से 14 प्रतिशत, लखनऊ मार्ग से 10 प्रतिशत और अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग से 9 प्रतिशत श्रद्धालुओं के आवागमन की संभावना है। इन सात मार्गों को केंद्र में रखकर सरकार ने यातायात के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं। सामान्य दिनों और प्रमुख पर्वों के लिए यातायात की व्यवस्थाएं अलग होंगी। इन मार्गों पर एकल मार्ग (वन-वे) की व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे जाम की समस्या नहीं होगी और वाहनों का प्रवाह निर्बाध रहेगा।

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए पार्किंग के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने 101 पार्किंग स्थलों का निर्माण सुनिश्चित किया है, जिनमें 5 लाख वाहनों के खड़े रखने की क्षमता होगी। इसमें 30 पार्किंग स्थल भारी वाहनों के लिए और 71 पार्किंग स्थल हल्के वाहनों के लिए चिह्नित किए गए हैं। इसके साथ ही, 20 पार्किंग स्थलों को सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां श्रद्धालुओं को सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

महाकुंभ मेले का विशाल क्षेत्र और वहां पर लाखों श्रद्धालुओं का आवागमन एक बड़ी चुनौती होती है। इसे ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र को 10 जोन में विभाजित किया जाएगा और इन सभी जोन को 30 पान्टून पुलों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। यह व्यवस्था इस तरह बनाई जा रही है कि श्रद्धालुओं को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन के लिए शटल बसें और ई-रिक्शा सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। कुल 550 शटल बसें और 20,000 ई-रिक्शा मेले के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे लोगों को पैदल चलने में कठिनाई न हो और उनकी यात्रा आसान हो सके।

महाकुंभ 2025 की एक और खास बात यह है कि इस बार सरकार ने डिजिटल तकनीक का व्यापक इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। पूरे मेला क्षेत्र में 100 डिजिटल साइनेज और 80 विजुअल मैनेज डिस्प्ले (VMD) लगाए जाएंगे। इन डिजिटल साइनेज और डिस्प्ले बोर्ड्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को यातायात मार्ग, मेला क्षेत्र की जानकारी, पार्किंग की स्थिति और अन्य आवश्यक सूचनाएं आसानी से प्राप्त होंगी।