Lakhimpur Violence Case: लखीमपुर हिंसा मामले की सुनवाई से पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में प्रगति रिपोर्ट दाखिल की। यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने घटना में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और लिंचिंग से जुड़े दो मामले दर्ज किए हैं। कोर्ट ने सरकार से पीड़ितों के बयान जल्द दर्ज करने और सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।
यूपी सरकार ने प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल की
लखीमपुर हिंसा मामले की सुनवाई पर यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपकी स्टेट्स रिपोर्ट हमें अभी मिली है। आपको कम से कम 1 दिन पहले फ़ाइल करनी चाहिए। हमने देर शाम तक आपकी रिपोर्ट का इंतज़ार किया।
किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और लिंचिंग से जुड़े दो मामले
इसके बाद वकील हरीश साल्वे ने कहा कि आप मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दीजिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले की सुनवाई टाली नहीं जा सकती है। इसके बाद हरीश साल्वे ने कहा कि मामले में सभी आरोपी जेल में बंद है। अभी पूछताछ जारी है। इसके बाद CJI ने पूछा कि गिरफ्तार आरोपियों में से कितनों को पुलिस और कितनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है? जवाब में साल्वे ने कहा कि पहली FIR में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साल्वे ने कहा कि दो अपराध है। एक मामला किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का और दूसरा लिंचिंग से जुड़ा है।
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70 से ज्यादा वीडियो की जांच कर रही पुलिस
मामले में यूपी सरकार की तरफ से वकील गरिमा प्रसाद ने बताया कि 4 आरोपी पुलिस कस्टडी में हैं। बाकी 6 आरोपी पहले पुलिस कस्टडी में थे और अभी न्यायिक हिरासत में हैं। CJI ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या बाकी आरोपी जो इस समय न्यायिक हिरासत में हैं उनकी पुलिस कस्टडी की जरूरत नहीं है? जिसके बाद यूपी सरकार की तरफ से कहा कि 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि हमने आपकी रिपोर्ट आंशिक तौर पर पढ़ी है। साल्वे ने कहा कि इस मामले में हमने दो FIR दर्ज की है। यूपी सरकार ने यह भी कहा कि क्राइम सीन का रिक्रिएशन हो चुका है।
26 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
CJI ने यूपी सरकार से पूछा की पीड़ितों के 164 के बयान का क्या स्टेटस है? आप पुलिस से कहिए कि जल्द से जल्द 164 यानी मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए। कोर्ट ने यूपी पुलिस को कहा कि आप पीड़ितों का जल्द से जल्द बयान दर्ज कराएं। अब कोर्ट 26 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगा। साथ ही कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा और परिजनों की सुविधा को भी सुनिश्चित करने को कहा है। साल्वे ने कोर्ट को आश्वासन देते हुए कहा कि उनको सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को प्रोग्रेस रिपोर्ट देने से किया इनकार
जब मामले में याचिकाकर्ता शिव कुमार तिवारी ने प्रगति रिपोर्ट दिए जाने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामाल संवेदनशील है। जब यूपी सरकार इस मामले अगली रिपोर्ट दाखिल करेगी तब रिपोर्ट देने पर विचार करेंगे। साथ ही CJI ने यूपी सरकार से कहा कि मामले में स्टेटस रिपोर्ट सुनवाई से पहले दाखिल करे। जिससे स्टेटस रिपोर्ट को पढ़ा जा सके। CJI ने लखीमपुर खीरी केस में आरोपियों की आगे पुलिस हिरासत नहीं लिए जाने पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या अब इन आरोपियों के हिरासत की जरूरत नहीं ?
CJI ने यूपी सरकार से यह कहा कि यह मामला ऐसी कहानी न बने जो खत्म ही ना हो। वहीं जस्टिस हिमा कोहली ने कहा हमें लगता है कि यूपी सरकार ममाले में पीछे हट रही है। यूपी सरकार को लेकर बनी इस धारणा को दूर करने की जरूरत है। साल्वे ने बचाव करते हुए कहा कि कोर्ट बंद होने के कारण ही बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं।