RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक के नतीजों का ऐलान कर दिया है और एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बार फिर से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। RBI ने लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है और ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आपको बता दें आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार पिछले साल फरवरी 2023 में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर 6.25 फीसदी से 6.50 फीसदी कर दिया था। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। RBI ने इससे पहले दिसंबर में हुई बैठक में भी रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी व कटौती नहीं की थी।
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चतता के बीच देश की अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। एक तरफ आर्थिक वृद्धि बढ़ रही है तो दूसरी ओर मुद्रास्फीति में कमी आई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से मिले-जुले संकेत ही मिल रहे हैं। महंगाई भी नीचे आती दिख रही है।
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट कम होने का मतलब है बैंकों को सस्ता लोन मिलेगा और अगर बैंकों को लोन सस्ता मिलेगा तो वो अपने ग्राहकों को भी सस्ता लोन देंगे। जिस तरह से आप बैंकों से अपनी जरूरतों के लिए लोन लेते हैं ठीक उसी तरह से कमर्शियल बैंक भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं। यानी भारतीय रिजर्व बैंक की जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है वो रेपो रेट कहलाता है। जिस तरह से आप लोन पर ब्याज देते हैं ठीक उसी तरह से बैंकों को भी ब्याज चुकाना होता है।
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