Types Of Stress : तनाव(Stress) हमारे मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। तनाव को कंट्रोल करना और इसका इलाज करना बहुत जरूरी है। लेकिन इसके लिए आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि आपको किस प्रकार का तनाव है और इसके पीछे क्या कारण हो सकतें है। तनाव के कई प्रकार हो सकते है, जो आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकते है तो आइए जानते हैं कि स्ट्रेस के कौन-कौन से प्रकार हैं।
Types Of Stress : स्ट्रेस क्या है?(what Is Stress)
तनाव का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है। कुछ लोग दूसरों की तुलना में तनाव को बेहतर ढंग से संभालने में सक्षम होते हैं। नौकरी, पारिवारिक बीमारी या पैसों की परेशानी कुछ सामान्य ट्रिगर्स में से एक हैं। स्ट्रेस तीन तरह के होते हैं- एक्यूट, एपिसोडिक एक्यूट और क्रोनिक स्ट्रेस ।
एक्यूट स्ट्रेस(Accute Stress)
यह तनाव का सबसे आम प्रकार है, जो किसी विशेष परिस्थिति में अचानक से विकसित हो जाता है। एक्यूट स्ट्रेस सकारात्मक व नकारात्मक दोनों स्थितियों में हो जाता है, जैसे सड़क दुर्घटना होते-होते बचना या फिर किसी रोलर कोस्टर पर झूलने के दौरान। स्थिति के सामान्य होने के बाद एक्यूट स्ट्रेस भी ठीक हो जाता है और ऐसा न होने पर यह किसी अन्य मानसिक विकार का लक्षण हो सकता है। इसके लक्षण जल्द खत्म हो जाते हैं लेकिन कई बार हफ्तों तक बने रहते हैं। यदि आपमें भी एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन के लक्षण दिखाई देते हैं तो ऐसे में आप एक्सपर्ट की सलाह लें। क्योंकि यदि आप इसे नजरअंदाज करेंगे तो इस बीमारी की गिरफ्त में उतना ही आते जाएंगे। बेहतर यही होगा कि आप एक्सपर्ट की सलाह लेकर उचित इलाज कराएं।
एपिसोडिक एक्यूट स्ट्रेस (Episodic Accute Stress)
जब एक्यूट स्ट्रेस बार-बार होता है, तब इसे एपिसोडिक एक्यूट स्ट्रेस कहा जाता है । एपिसोडिक एक्यूट स्ट्रेस आमतौर पर किसी मानसिक रोग के कारण होता है। ऐसे व्यक्ति लगातार तनावग्रस्त और चिंताग्रस्त रहते हैं। जब कोई व्यक्ति अक्सर उन चीजों के बारे में चिंतित रहता है, जिन पर उन्हें शक रहता है कि शायद जल्द ही इससे कुछ बुरा हो सकता है। मन का खराब होना, चिड़चिड़ापन, भावनात्मक उतार-चढ़ाव, नींद न आना, किसी काम में मन ना लगना, अकेले रहने की इच्छा होना आदि, इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही प्रभावित होते हैं। इसे नजरअंदाज बिल्कुल भी न करें।
क्रोनिक स्ट्रेस (Chronic Stress)
जब कोई इंसान काफी लंबे समय से हाई स्ट्रेस को अनुभव करता है, तो उसे क्रोनिक स्ट्रेस कहा जाता है। लंबे समय तक तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर और दिल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। क्रॉनिक स्ट्रेस, एक किस्म का गंभीर तनाव होता है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब व्यक्ति लंबे समय लगातार तनाव में रहता है। आपको बता दें कि क्रॉनिक स्ट्रेस हफ्तों, महीनों और सालों तक रह सकता है। ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं है कि क्रॉनिक स्ट्रेस किसी व्यक्ति के जीवन को किस हद तक प्रभावित कर सकता है।