इजरायल के नए प्रधानमंत्री बने Yair Lapid, पीएम नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनाएं

Yair Lapid: लैपिड के सामने फिलीस्तीन- इजरायल का मुद्दा उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि वह पहले के प्रधानमंत्रियों की बजाय फिलीस्तीन के प्रति थोड़ा नरम रूख अपना सकते हैं।

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Yair Lapid New PM of Israel

Yair Lapid: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यैर लैपिड को इजराइल का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी।मोदी ने कहा कि मैं अपनी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं, क्योंकि हम 30 साल के पूर्ण राजनयिक संबंधों का उत्सव मना रहे हैं। आपकी नई भूमिका में आपकी सफलता की कामना करता हूं। येर लैपिड नेफ्ताली बेनेट के बाद इजरायल के 14वें प्रधानमंत्री बने हैं। नवंबर में होने वाले आम चुनावों से पहले बेनेट की गठबंधन सरकार में विदेश मंत्री रहे लैपिड को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है।

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PM Narendra Modi Congratulates New Prime Minister Yeir Lapid.

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Yair Lapid: सेना से लेकर पत्रकार और गाने भी लिख चुके हैं लैपिड

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Yair Lapid. Photo (Credit Twitter)

लैपिड का जन्म साल 1963 में इजरायल के शहर तेल अवीव में हुआ था। उनकी मां एक लेखिका थीं और पिता पत्रकार। लैपिड ने इजरायल की अपनी अनिवार्य सेना सेवा के दौरान सेना की एक मैगजीन के लिए बतौर रिपोर्टर काम किया। उन्होंने कभी यूनिवर्सिटी की पढ़ाई नहीं की लेकिन वह काफी बुद्धिमान थे।

राजनीति में आने से पहले वह अखबारों में लेख लिखते थे। उन्होंने किताबें और स्क्रिप्ट लिखी, कई गानों के लिरिक्स भी लिखे. अपने गुड लुक्स के कारण उन्होंने बतौर टीवी एंकर के तौर पर भी काम किया।
साल 2011 में लैपिड ने Yesh Atid Party बनाई और राजनीति में कदम रखा। इसके बाद बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के साथ मिलकर साल 2013 में वो सत्ता में आए। हालांकि मतभेदों के चलते साल 2014 में ही उन्होंने नेतन्याहू का साथ छोड़ दिया। इसके बाद वो बेनेट के साथ सरकार बनाकर दोबारा सत्ता में आए और बतौर विदेश मंत्री काम किया।

Yair Lapid: फिलीस्तीन- इजरायल का मुद्दा सबसे बड़ी चुनौती

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Yair Lapid.

लैपिड के सामने फिलीस्तीन- इजरायल का मुद्दा उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि वह पहले के प्रधानमंत्रियों की बजाय फिलीस्तीन के प्रति थोड़ा नरम रूख अपना सकते हैं। फिलीस्तीनियों के अलग राष्ट्र की बात करने के बावजूद भी वह कई मुद्दों पर किसी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके अलावा ईरान और आतंकवाद का मुद्दा भी उनके सामने चुनौती है।

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