दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर अमेरिकी संसद (Capitol Hill) में हुई हिंसा के मामले में मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। अमेरिकी संसद में हुई हिंसा की घटना की जांच कर रही कांग्रेस की एक समिति ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को दोषी ठहराया है। कांग्रेस की एक समिति ने सोमवार को जारी की गई अपनी 154 पेज की रिपोर्ट में ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की सिफारिश की है। समिति द्वारा इस नतीजे तक पहुंचने के लिए 1,000 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए थे।
हालांकि समिति की रिपोर्ट से अभी ट्रंप पर कोई खासा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका के न्याय विभाग (Justice Department) को आखिर में यह फैसला करना है कि ट्रंप या अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए या नहीं।
समिति ने रूढ़िवादी वकील जॉन ईस्टमैन पर अमेरिका के साथ धोखा करने की साजिश और एक आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालने के दो मुकदमें दर्ज करने की सिफारिश की है। समिति ने कहा कि जॉन ईस्टमैन ने ट्रंप को सत्ता में रखने के उद्देश्य से संदिग्ध कानूनी तरीकों को तैयार किया था।
क्या है Donald Trump के खिलाफ पूरा मामला?
2020 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप (Donald Trump) की हार हुई थी और डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन की जीत हुई थी। लेकिन ट्रंप ने अपनी हार को मानने से मना करते हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। इसके बाद जब 6 जनवरी 2021 को जब अमेरिका में राष्ट्रपति की शपथ के पहले की कार्यवाही की जा रही थी तभी ट्रंप के हजारों समर्थक संसद में घुस गए और तोड़फोड़ और आगजनी करने लगे थे। 6 जनवरी को हुई हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन समर्थकों को लेकर ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था कि ये ‘क्रांतिकारी’ हैं।

समिति के क्या हैं आरोप?
6 जनवरी 2021 में हजारों Donald Trump समर्थक अमेरिकी संसद (Capitol Hill) में घुस गए थे। इन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को रद्द करने की मांग करते हुए बड़े स्तर पर हिंसा की थी। इसके बाद में सुरक्षाबलों ने इन्हें वहां से खदेड़ दिया था।
अमेरिका की संसद की एक समिति द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप पर विद्रोह भड़काने, झूठे बयान देने और सरकार को धोखा देने, आधिकारिक कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के अलावा साजिश रचने के आरोप लगाए हैं।
समिति का कहना है कि हिंसा शुरू होने के 187 मिनट बाद तक ट्रंप डायनिंग रूम में बैठकर टीवी पर हिंसा को देखते रहे इसेक अलावा वो किसी की बात सुनने को भी तैयार नहीं थे। उन्हें (ट्रंप को) कई बार हिंसा रोकने और लोगों को वापस भेजने के लिए जरूरी कार्रवाई करने को कहा गया था। ट्रंप ने कानून का पालन कराने वाली सुरक्षा संस्थाओं की या राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के प्रमुखों से हिंसा को रोकने के लिए मदद नहीं मांगी।
इसके अलावा समिति का ये भी कहना है कि कैपिटल हिल में ट्रंप ने दंगों को अंजाम दिया। समिति की 154 पेज की रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रंप ये मानने को तैयार नहीं थे कि चुनाव खत्म हो चुका है और उनकी हार हो चुकी है। इसके अलावा ट्रंप ने यह भी कहने से इनकार कर दिया था कि भीड़ ने कानून तोड़ा है, यहां तक की उन ट्रंप ने भीड़ को देशभक्त बताया। उन्होंने लोगों से कहा था कि वे इस दिन को हमेशा याद रखें। ट्रंप को इस बात का कोई पछतावा भी नहीं है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट मे लिखा है कि 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल में हुई हिंसा कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि यह ट्रंप का अंतिम स्टैंड था। ट्रंप ने दंगों को अंजाम दिया और तख्तापलट करने की कोशिश की थी। व्हाइट हाउस के पूर्व वकील पैट सिपोलोन द्वारा दी गई गवाही के आधार पर समिति ने रिपोर्ट में लिखा है कि व्हाइट हाउस में किसी ने भी हिंसा की निंदा नहीं की।
कई और मामलो को लेकर अभी जारी है जांच
ट्रंप के खिलाफ 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के फैसले को बदलने, टैक्स से जुड़े मामले को छिपाने और व्हाइट हाउस (White House) से सीक्रेट दस्तावेज (Secret Documents) ले जाने के मामलों की भी जांच की जा रही है।

जांच समिति के बारे में
ट्रंप के खिलाफ जांच कर रही कमेटी का गठन जुलाई 2021 में किया गया था। समिति Trump के अलावा उनके 5 साथियों पर लगे आरोपों की भी जांच कर रही है। इन पर भी संसद मे हिंसा भड़काने की साजिश के आरोप लगे हैं। समिति में डेमोक्रेटिक पार्टी के 7 सांसद और रिपब्लिकन पार्टी के 2 सांसद को शामिल किया गया है। समिति के चेयरपर्सन बेनी थॉम्पसन (Bennie Thompson) हैं। समिति ने जांच के दौरान एक हजार चश्मदीदों के इंटरव्यू लिए हैं। इसके अलावा समिति ने जुलाई 2021 में लॉन्च होने के बाद से एक लाख से अधिक दस्तावेज जुटाये। साथ ही एक हजार से ज्यादा दस्तावेजों की जांच भी की गई। इसके बाद समिति ने 154 पेज की रिपोर्ट तैयार की गई है।
Donald Trump ने सभी आरोपों को नकारा
ट्रंप ने खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा कि, “मुझ पर मुकदमा चलाने का यह पूरा व्यवसाय महाभियोग की तरह है, यह मुझे और रिपब्लिकन पार्टी को दरकिनार करने का एक भेदभावपूर्ण प्रयास है।”
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