Uyghur Forced Labor Prevention Act: व्हाइट हाउस से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ने चीन के शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगाने और क्षेत्र में जबरन श्रम के लिए जिम्मेदार विदेशियों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। Joe Biden ने इसको लेकर ट्वीट भी किया, “आज, मैंने द्विदलीय उइघुर मजबूर श्रम रोकथाम अधिनियम (bipartisan Uyghur Forced Labor Prevention Act) पर हस्ताक्षर किए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका हर तरह का कदम उठाएगा जिससे मजबूर लोगों से जबरदस्ती काम कराकर सामानों की सप्लाई न की जाए और यह अभियान जियांग और चीन के दूसरी जगहों के लिए भी जारी रहेगा।” बाइडेन ने गुरुवार को इस बिल के साथ लो गेहरिग (Lou Gehrig) की बीमारी के इलाज के लिए फंडिंग रिसर्च वाले बिल पर भी हस्ताक्षर किए।
Uyghur Forced Labor Prevention Act क्या है?
बाइडेन द्वारा जिस बिल पर हस्ताक्षर किए गए उसका मकसद चीन को आड़े हाथ लेना है। चीन में कथित तौर पर जाति और धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं। विशेष रूप से China के शिंजियांग में Uyghurs मुस्लिमों के साथ क्रूरता हो रही है। Uyghurs मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए बाइडेन ने Uyghur Forced Labor Prevention Act पर हस्ताक्षर किए हैं।

अमेरिका का कहना है कि चीन Uyghurs मुसलमानों के साथ नरसंहार कर रहा है। अमेरिका ने दावा किया है कि चीन के पत्रकारों की रिपोर्ट के मुताबिक वहां पर Uyghurs की जबरन नसबंदी और कारखानों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हालांकि चीन इन सभी आरोपों को पूरी तरह से इनकार करता रहा है और कहता है कि उसने जो कदम उठाए हैं वह आतंकवाद और अलगाववादी आंदोलन से निपटने के लिए जरूरी हैं।

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