जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को गहरा कर दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक शामिल थे। यह हमला 2019 के पुलवामा कांड के बाद सबसे घातक बताया जा रहा है। घटना के बाद भारत के भीतर और वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हुआ। इसी क्रम में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का बयान खासा चर्चा में है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवाद पर कार्रवाई और भारत से सहयोग की उम्मीद जताई है।
जेडी वेंस की प्रतिक्रिया:
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ‘फॉक्स न्यूज’ के एक कार्यक्रम में इस हमले पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए भारत के प्रति एकजुटता जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि पाकिस्तान, यदि वह इस हमले के लिए जिम्मेदार पाया जाता है, तो भारत के साथ मिलकर आतंकवादियों को पकड़ने और कार्रवाई करने में पूरा सहयोग देगा। वेंस ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका चाहता है कि भारत इस आतंकी हमले का जवाब तो दे, लेकिन ऐसा कोई कदम न उठे जिससे पूरे क्षेत्र में बड़ा संघर्ष खड़ा हो जाए।
वेंस की यह प्रतिक्रिया उनके भारत दौरे के कुछ ही दिनों बाद आई है, जब वे और उनका परिवार भारत में थे। यात्रा के दौरान वेंस ने भारत के साथ बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को महत्व दिया था। ऐसे में इस हमले के बाद उनका यह बयान राजनयिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।
राजनीतिक और कूटनीतिक संदेश:
वेंस का बयान सिर्फ आतंकवाद की निंदा भर नहीं है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी है कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि पाकिस्तान इस हमले में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल है, तो उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इससे पहले भी वेंस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी।
भारत की प्रतिक्रिया:
हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि भारत आतंकवाद के हर कृत्य का “चित और सटीक” जवाब देगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग सोचते हैं कि ऐसे कायरतापूर्ण हमलों से भारत कमजोर पड़ेगा, उन्हें समझना चाहिए कि यह “नरेंद्र मोदी का भारत” है और अब हर हमला बर्दाश्त से बाहर है। शाह का बयान इस ओर संकेत करता है कि भारत कूटनीतिक मोर्चे के साथ-साथ सुरक्षा स्तर पर भी ठोस कार्रवाई की दिशा में अग्रसर है।
अमेरिका की सक्रियता और राजनयिक पहल:
इस हमले के बाद अमेरिका केवल बयान तक सीमित नहीं रहा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस मामले में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की। रुबियो ने दोनों देशों के नेताओं से तनाव कम करने और जांच में पारदर्शिता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने पाकिस्तान से विशेष रूप से यह आग्रह किया कि वह हमले की जांच में भारत का सहयोग करे और अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करे।
पहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से पुराने तनाव को हवा दी है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को नैतिक समर्थन प्रदान करता है और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाता है। भारत जहां सटीक जवाब की तैयारी में है, वहीं कूटनीतिक स्तर पर अमेरिका की सक्रियता से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और भी मजबूत होगा। यह हमला न केवल कश्मीर बल्कि समूचे उपमहाद्वीप की शांति के लिए खतरा है, और इसका समाधान सभी पक्षों की जिम्मेदारी बनता है।