चीन में सोमवार को एक अहम कूटनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। तीनों वैश्विक नेताओं की इस मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। इस बीच अमेरिका को भी अपनी हालिया नीतिगत गलतियों का अहसास होने लगा है और वह अब रिश्तों को सुधारने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी दूतावास का संदेश
भारत में अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट जारी करते हुए भारत-अमेरिका रिश्तों को “21वीं सदी का निर्णायक संबंध” बताया। पोस्ट में लिखा गया – “संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत की साझेदारी नई ऊंचाइयों को छू रही है। इस महीने हम उन लोगों, प्रगति और संभावनाओं पर रोशनी डाल रहे हैं, जो हमारे रिश्तों को मजबूती दे रहे हैं। नवाचार, उद्यमिता, रक्षा और द्विपक्षीय सहयोग – यही हमारी स्थायी मित्रता की असली ताकत है।”
साथ ही इसमें हैशटैग #USIndiaFWDforOurPeople का भी इस्तेमाल किया गया और लोगों से इस पहल से जुड़ने की अपील की गई।
विदेश मंत्री रूबियो का बयान
पोस्ट के साथ साझा की गई तस्वीर में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो का बयान भी दर्ज था। उन्होंने कहा – “भारत और अमेरिका के लोगों के बीच गहरा रिश्ता ही हमारे संबंधों की नींव है। यही मित्रता हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है और आर्थिक साझेदारी की विशाल संभावनाओं को साकार करने का रास्ता दिखाती है।”
तीनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का फैसला किया था। इससे पहले वह लगातार चीन और रूस पर दबाव बना चुका है। ऐसे समय में मोदी-पुतिन-जिनपिंग की मुलाकात का होना रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन तस्वीरों ने साफ कर दिया है कि वैश्विक समीकरण बदल रहे हैं और तीनों देश एक-दूसरे के और करीब आते दिख रहे हैं। यही कारण है कि अमेरिका अब अपनी नीतियों पर डैमेज कंट्रोल की राह पकड़ने को मजबूर है।