Refugee Problem: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से बचने के लिए यूक्रेन से रोजाना बड़ी संख्या में शरणार्थियों (Refugees) का पलायन जारी है। यूएनओ के अनुसार बीते 24 फरवरी से अब तक करीब 7,87,000 लोग यूक्रेन छोड़ कर पड़ोसी देशों में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। इस युद्ध में जन और धन दोनों को भारी क्षति पहुंची है। ऐसे में इन शरणार्थियों की आर्थिक और सामाजिक स्तर पर मदद के लिए यूएनओ ने सभी सदस्य राष्ट्रों से मदद करने की अपील की है। यूएनओ के महासचिव (General Secretary) एंटोनियो गुटेरेस की टिप्पणी से संकेत मिलता है,कि 24 फरवरी से 677,000 लोग यूक्रेन से भाग गए हैं।
उन्होंने संकट के समय में यूक्रेनियन नागरिकों की मदद करने के लिए आगे आने की अपील की। उनका कहना है कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और हमारे सहयोगी अब मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे है। यूक्रेन में इस समय बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित है, सड़कों को बमों से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है और कुछ क्षेत्रों में भोजन और दवा की आपूर्ति भी ठीक से नहीं हो रही है। ऐसे में सभी का कर्तव्य बनता है, कि मानवता के प्रयास को जारी रखते हुए काम करें।

Refugee Problem: 1.1 मिलियन डॉलर राशि की जरूरत
यूक्रेन में सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करने के लिए लगभग 1.1 मिलियन डॉलर राशि की जरूरत है। दरअसल यहां लगातार बढ़ते संघर्ष ने जीवनरक्षक सहायता की मांग में तेज से वृद्धि शुरू कर दी है। लेकिन आवश्यक आपूर्ति और सेवाएं बाधित हो रही हैं। वहीं नागरिक अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कुछ संकट की इस घड़ी में यूक्रेन की मदद के लिए उठे हाथों की सराहना की। उन्होंने कहा मदद के लिए सदस्य देश, एजेंसियों एवं हर वर्ग के लोगों का आगे आना स्वागत योग्य है।
12 मिलियन लोगों को सुरक्षा की दरकार
संयुक्त राष्ट्र (UNO) के अनुमान के मुताबिक यूक्रेन के अंदर करीब 12 मिलियन लोगों को राहत और सुरक्षा की आवश्यकता है, जबकि आने वाले महीनों में चार मिलियन से अधिक शरणार्थियों को पड़ोसी देशों में सुरक्षा और सहायता की आवश्यकता हो सकती है। लिहाजा एजेंसी हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। इसमें खासतौर से महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक हैं। इसके लिए विशेष रूप से यूक्रेन के साथ बॉर्डर साझा करने वाले मुल्कों से शरणार्थियों की हरसंभव मदद करने की अपील की जा रही है। बेलारूस, हंगरी, मालडोवा, पौलेंड, रोमानिया और स्लोवाकिया वर्तमान में यूक्रेन के साथ बॉर्डर शेयर करते हैं।
भारत ने बढ़ाए मदद के लिए हाथ
भारत सरकार की ओर से यूक्रेन को मानवीय सहायता का पहला जत्था मंगलवार सुबह भेजा गया। यूक्रेन के राजदूत के अनुरोध के बाद भारत दवाओं सहित मानवीय सहायता यूक्रेन भेज रहा है। मानवीय सहायता का मुद्दा यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने रविवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ बातचीत में उठाया था। भारतीय अधिकारियों ने मानवीय खेप की डिलीवरी की समय सीमा निर्दिष्ट नहीं की, लेकिन यह सुनिश्चित किया गया है कि यूक्रेनी नागरिकों को दवा, राहत सामग्री के साथ ही जरूरी सामान की सूची भी सौंपी है।
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